crisis in ration distribution due to strike of Kotedars in Mathura

पूर्ति निरीक्षक-छाता को ज्ञापन देते राशन डीलर
– फोटो : अमर उजाला

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उत्तर प्रदेश के मथुरा में राशन कोटेदारों की हड़ताल के कारण जनपद में राशन वितरण पर संकट खड़ा हो गया है। शासन ने बुधवार से राशन वितरण का आदेश दिया है, लेकिन उचित दर पर राशन विक्रेताओं से मंगलवार शाम प्रशासन से वार्ता में साफ कर दिया कि प्रदेश नेतृत्व के आदेश के बिना वह दुकान नहीं खोलेंगे।

जिले में 424323 पात्र गृहस्थी कार्ड धारक और 41436 अंत्योदय कार्ड धारक हैं। इन सभी लाभार्थियों को जिले की 832 सरकारी दुकानों से राशन वितरित किया जाता है। हर माह की 5 तारीख से राशन वितरित किया जाता है, लेकिन नव वर्ष से पूर्व से कोटेदार हड़ताल पर हैं। 

हड़ताल को देखते हुए शासन ने 10 जनवरी से राशन वितरण की तिथि निर्धारित की थी। शासन का अनुमान था कि इस दौरान कोटेदारों से समझौता वार्ता कर उनको राशन वितरण के लिए सहमत कर लिया जाएगा, लेकिन कोटेदारों से समझौता वार्ता फेल हो गई है।

इन मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं कोटेदार

प्रादेशिक आह्वान पर मथुरा उचित दर विक्रेता परिषद के सदस्य अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। परिषद के महामंत्री मनोज कुमार के अनुसार कोटेदारों को लाभांश के रूप में महज 90 रुपये प्रति क्विंटल ही दिया जा रहा है। जबकि हरियाणा में 250 रुपये, केरल व गोवा में 200 रुपये, महाराष्ट्र में 180 रुपये प्रति क्विंटल लाभांश दिया जा रहा है। 

इसके अलावा कोटेदारों को दो हजार रुपये मानदेय के रूप में भी दिया जा रहा है, लेकिन यूपी के कोटेदारों की उपेक्षा की जा रही है। पदाधिकारियों ने दूसरे राज्यों के बराबर लाभांश देने की मांग की है। मांग न पूरी होने पर सभी कोटेदारों ने वितरण कार्य न करने का फैसला किया है।

कोटेदारों से समझौता वार्ता की जा रही है। शासन स्तर से इनके प्रदेश नेतृत्व और जिला स्तर पर जिले की इकाइयों से वार्ता की जा रही है। भरोसा है कि वार्ता का परिणाम सार्थक निकलेगा। -सतीश मिश्रा, डीएसओ



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