
मंजू की हत्या के बाद बेटी मोहिनी (9) और बेटा आरके (7) फूट-फूटकर रो रहे थे। वह शव से लिपट गए। उन्हें पुलिस ने किसी तरह अलग किया। बेटी एक ही बात कह रही थी कि अब किसके सहारे जीएंगे। मोहिनी कक्षा 4 में पढ़ती है। मां के शव के पास बैठी वह बार-बार बेहोश हो रही थी। हर बार होश में आते ही बोलने लगती थी, अब कौन हमारा ख्याल रखेगा? पापा ने हमसे मां ही छीन ली। मोहिनी की ये बातें सुनकर हर किसी की आंख भर आईं। परिजनों ने बताया कि मंजू मायके में रहकर मजदूरी करके बच्चों का पेट पाल रही थी। उन्होंने फतेहाबाद में प्लॉट भी खरीद लिया था मगर इस जमीन ने भी उसकी जिंदगी को चैन नहीं लेने दिया। करीब एक साल पहले प्लॉट के बारे में मंजू की ननद से कहासुनी हुई थी जो मारपीट में बदल गई। मामला थाने भी पहुंचा था।

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मंजू हत्याकांड
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बड़ा बेटा पिता के साथ, मगर मां से दूर
मंजू का बड़ा बेटा अमर पिछले कुछ समय से अपने पिता मनोज के साथ रह रहा था। मां-बेटे के बीच दूरी भले थी, लेकिन रिश्ते की गर्माहट खत्म नहीं हुई थी। अब मां के नहीं रहने की खबर से अमर भी गहरे सदमे में है।

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मंजू हत्याकांड
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भविष्य पर खड़े हो गए सवाल
तीन मासूम बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। एक मां जिसने अपनी पूरी जिंदगी संघर्ष में गुजार दी, उसकी मौत ने न सिर्फ उसके जीवन की कहानी खत्म की, बल्कि उन बच्चों की भी दुनिया उजाड़ दी जिनके लिए वह जी रही थी।

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मंजू हत्याकांड
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14 साल पहले हुई थी शादी
गढ़ी केसरी, थाना निबोहरा निवासी हरी सिंह ने बताया कि बेटी मंजू की शादी 14 साल पहले गांव समोना, राजाखेड़ा (राजस्थान) निवासी मनोज कुमार उर्फ चरन सिंह के साथ हुई थी। मनोज सीआरपीएफ में राजस्थान में तैनात है। दोनों के बीच 8 साल से विवाद चल रहा था।

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मायके में रहती थी मंजू
इस कारण मंजू अपनी 9 वर्षीय बेटी मोहिनी और 7 वर्षीय बेटे आरके के साथ मायके में रह रही थी। उन्होंने पति के खिलाफ कोर्ट में भरण-पोषण का वाद दर्ज कराया था। शुक्रवार को कोर्ट में तारीख थी। इसमें पेश होने मंजू सुबह दीवानी गई थी।