Cruise and speed boat operations should be stopped on the ghats of Vrindavan

यमुना में खड़ा बृज रथ

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वृंदावन के घाटों पर  क्रूज-स्पीड बोट और नाविकों के बीच चल रही लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। महापंचायत के दूसरे दिन मंगलवार को भी वृंदावन के घाटों पर क्रूज-स्पीड बोट के संचालन के विरोध में केशीघाट पर नाविकों ने धरना दिया। इसी क्रम में नाविकों ने सिटी मजिस्ट्रेट को पत्र भेजकर पांच मांगें रखीं और प्रशासन के सुझाव पर 12 सदस्यीय वार्ता समिति भी गठित की गई।

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गुस्साए नाविकों ने मंगलवार को भी यमुना में नाव का संचालन बंद रखा। वहीं अधिकारियों के मौखिक आदेश के बाद भी स्पीड बोट चलाई गई। नाराज नाविकों ने इस संबंध में रंगजी पुलिस चौकी प्रभारी से शिकायत भी की। नाविकों ने नावों और मोटर बोट के जरिए यमुना में किसी तरह के जलयानों को रोकने के लिए कतार लगाकर रास्ता बंद कर दिया। एक पत्र सिटी मजिस्ट्रेट को पूर्व विधायक प्रदीप माथुर के माध्यम से भेजा है। इसमें सिटी मजिस्ट्रेट के जरिए पांच मांगों को रखा गया है।

इसमें क्रूज संचालक द्वारा डूब क्षेत्र में किए गए निर्माण को हटाया जाए, प्रशासन द्वारा जारी अनुमति के अनुसार देवरहा बाबा घाट से मथुरा के बीच क्रूज चलाया जाए, वृंदावन के घाटों के बीच क्रूज का संचालन बंद किया जाए, क्रूज संचालक द्वारा चलाई जा रही स्पीड बोटों को बंद कराया जाए, पुलिस प्रशासन द्वारा किए जा रहे शोषण व अत्याचार को बंद किया जाए, नगर निगम द्वारा नाविकों को लाइसेंस एवं उनके व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए नाविकों के बैठने के लिए स्थाई व्यवस्था की जाए की जाए।

नाविकों का नेतृत्व कर रहे बलबीर निषाद ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट के सुझाव के बाद नाविकों ने आपसी सहमति से 12 सदस्यीय समिति बनाई है। समिति में राजेंद्र निषाद, भीमसेन निषाद, उमाशंकर, बलवीर निषाद, कन्हैया, राममूर्ति, देवो, सुरेश, गुलाब, महेंद्र, दुर्गी एवं मोती शामिल हैं। नाविक बलवीर ने कहा कि जब तक वृंदावन के घाटों के बीच क्रूज एवं स्पीड बोट का संचालन बंद नहीं हो जाता तब तक उनका धरना जारी रहेगा। सिटी मजिस्ट्रेट को मांगपत्र भेज दिया है।



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