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रकम
– फोटो : सोशल मीडिया

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आगरा पुलिस ने साइबर क्राइम से जुड़े ऐसे तीन आरोपियों को दबोचा है, जो किराये के बैंक खाते कॉल सेंटर को मुहैया कराते थे।  फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि कॉल सेंटर कहां से संचालित होता है। पकड़े गए लोगों से उसका मुख्य आरोपी से संपर्क एक एप पर ही होता था।

इनकी खाते में जाती थी रकम 

डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि शाहगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि इलाके में तीन युवक सक्रिय हैं। मजदूर वर्ग के लोगों को बैंक में खाता खुलवाने के लिए अपने जाल में फंसाते हैं। उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देते हैं। पहले उनकी आईडी पर एक सिमकार्ड खरीदते हैं। बैंक में खाता खुलवाने के बाद मोबाइल नंबर को एसएमएस अलर्ट और नेट बैंकिंग के लिए देते हैं। इन खातों में ठगी की रकम आती है। जिसे ऑनलाइन दूसरे खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है। पुलिस ने सूचना के आधार पर तीन युवकों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम शहबाज (मोहल्ला सराय, फतेहपुरसीकरी), आबिद (कटघर ईदगाह) व संजीव त्यागी (रघूपुरा इरादतनगर) बताए।

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98 सिमकार्ड मिले

आरोपियों के पास से एक्टिवेटिड 98 सिमकार्ड मिले। सभी सिमकार्ड अलग-अलग आईडी पर जारी किए गए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका काम सिर्फ खाते खुलवाना और सिम मुहैया कराना है। वे शानू के लिए काम करते हैं। उससे अभी तक एक एप पर ही बातचीत हुई है। एक खाते के बदले वह पांच हजार रुपये देता है। वह अपने आप को केरल का निवासी बताता है। डीसीपी सिटी ने बताया कि आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर कॉल सेंटर संचालक और कॉल सेंटर के ठिकाने का पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों को धोखाधड़ी में जेल भेजा जा रहा है।



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