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कंबोडिया और वियतनाम के साइबर ठग भारत में सक्रिय अपने एजेंटों की मदद से लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने कोटा (राजस्थान) में रहने वाले गिरोह के दो एजेंटों आरिफ खान और दिव्यांश गहलोत को गिरफ्तार किया है। साइबर अपराधी फर्जी आईडी पर लिए सिम से काॅल कर धमकाते और खातों में रकम जमा कराने के बाद ऑनलाइन ट्रांसफर कर लेते थे।
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खंदारी क्षेत्र के जूता कारोबारी की 80 वर्षीय पत्नी से 2.80 लाख रुपये वसूले गए थे। उन्हें ड्रग तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में जेल भेजने की धमकी देकर 4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट किया गया था। इनके पास मोबाइल पर 16 जनवरी को कॉल आई थी। साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया गया था।
डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि जांच में सामने आया कि रकम रेलवे काॅलाेनी, नया वार्ड 45 थाना रेलवे काॅलोनी कोटा निवासी आरिफ खान के खाते में गई थी। साइबर सेल ने आरिफ और उसके साथी दिव्यांश को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि गिरोह का सरगना भीलवाड़ा में रहता है। आरिफ एजेंट है। उसने अपने नाम से खाता खुलवाया था। साइबर अपराधी जो रकम लेते थे, वह उसमें से 10 प्रतिशत हिस्सा लेता था। दिव्यांग गहलोत एक स्माल फाइनेंस बैंक में काम करता है। आरिफ का खाता उसने खुलवाया था।
विदेश से फैला रहे जाल
साइबर ठग विदेश में बैठकर जाल फैला रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट ही नहीं अन्य तरीके भी अपनाते हैं। खातों में रकम जमा कराने के बाद ऑनलाइन ही ट्रांसफर की जाती है। खातों में रकम लेने के लिए एजेंट बनाए जाते हैं। एजेंट का काम सिर्फ यही होता है कि वह खाते खुलवाए। इसके बाद एटीएम कार्ड सहित अन्य जानकारी ठगों को दे दें।
एसीपी हरीपर्वत आदित्य सिंह ने बताया गिरोह के सरगना कंबाेडिया, वियतनाम आदि देशों से सक्रिय हैं। आरोपी आरिफ के खाते में नौ लाख रुपये स्थानांतरित किए गए थे। यह रकम अन्य लोगों से ठगी करके ली गई थी। इसमें 80 हजार रुपये फ्रीज करा दिए गए हैं। आरोपियों से कार, आठ डेबिट कार्ड, दो आधार कार्ड, पैनकार्ड, चेकबुक बरामद की गई है।