एटा में दलित की बरात चढ़ने से रोकने का आरोप लगाते हुए लोगों ने गांव ढकपुरा में हंगामा कर दिया। इसमें एक सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पीएचसी से आगरा रेफर किया गया है। मामले में पुलिस ने 15 नामजद समेत 50 अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज की है।
गांव निवासी स्व. प्रेम बाबू की बेटी आरती की शादी हाथरस जिले के रुदायन निवासी विकास कुमार से तय हुई थी। 21 जून की रात बरात आई। आरोप है कि बरात को एक रास्ते पर चढ़ने से क्षत्रिय समाज के लोगों ने रोक दिया। इस पर हंगामा हो गया।
सूचना पर अवागढ़ थाना पुलिस पहुंची और हंगामे को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस भी बुला ली। पुलिस दोनों पक्ष के लोगों को समझा रही थी और सहमति भी बन रही थी। इसी बीच फिर कुछ लोगों ने बवाल और पथराव कर दिया।
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एटा में अनुसूचित जाति के युवक की बरात रोकने पर हंगामा, अस्पताल में भर्ती कांस्टेबल
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
घायल हुआ सिपाही
एक पत्थर आकर सकरौली थाने में तैनात आरक्षी के सिर में लगा जिससे वह लहूलुहान हो गया। उसे पीएचसी अवागढ़ लाया गया। यहां से आगरा रेफर कर दिया गया। इसके बाद एसएसपी श्याम नारायण सिंह, एएसपी राजकुमार सिंह, एसडीएम जलेसर भावना विमल, सीओ ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, तहसीलदार नीरज वार्ष्णेय मौके पर पहुंचे। दोनों पक्षों के लोगों को समझाया और बरात चढ़वाने के बाद अपनी मौजूदगी में शादी की सभी रस्में भी अदा कराईं।
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एटा में अनुसूचित जाति के युवक की बरात रोकने पर हंगामा और पथराव, पीड़ित परिवार
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पहले से ही डीआईजी को दिया था प्रार्थनापत्र
मामले को लेकर कुछ पूर्व नियोजित बातें भी सामने आ रही हैं। पहले से ही एक महिला ने डीआईजी के यहां प्रार्थनापत्र दे दिया था। इसमें लिखा गया था कि एससी समाज के युवक की बरात को ठाकुर समाज के लोग नहीं निकलने देंगे।
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एटा में अनुसूचित जाति के युवक की बरात रोकने पर हंगामा और पथराव, मौके पर पहुंची पुलिस
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सर्व समाज के लोगों ने किया था शादी में सहयोग
युवती के पिता का पूर्व में देहांत हो चुका है और परिवार की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। गांव वालों के अनुसार इस शादी में सर्वसमाज के लोगों ने मदद की थी। फिर हंगामा क्यों हुआ, इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।
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अनुसूचित जाति के लोगों से बात करते बसपा पदाधिकारी
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बसपा पदाधिकारियों ने लगाए आरोप
बसपा का प्रतिनिधिमंडल रविवार को गांव में पहुंचा। दलित समाज के लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली। अलीगढ़ मंडल प्रभारी राजू रामरतन ने आरोप लगाया कि दूसरे पक्ष के लोगों ने छतों से पत्थर फेंके। इससे पुलिसकर्मी घायल हुआ लेकिन पुलिस ने दलित समाज के लोगों पर कार्रवाई कर दी। कई लोगों को पीटा, घरों में से लोगों को खींचकर थाने ले गई। दलित समुदाय के लोगों ने रविवार को थाने पर पहुंचकर तहरीर दी, जो नहीं ली गई। बसपा जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र सोनी, जिला प्रभारी विजय सिंह, राजीव सिंह, निरंजन सिंह, राजेश दिवाकर प्रतिनिधि मंडल में शामिल थे।