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बेटी का फाइल फोटो और जांच करने पहुंची पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आगरा के एत्माद्दौला थाना क्षेत्र के कटरा वजीर खां में बेटी खुशी को जहर देकर मारने के बाद पिता चंद्रप्रकाश के आत्महत्या करने की घटना से परिवार में कोहराम मचा है। हर कोई एक ही बात बोल रहा है कि यह कदम उठाने से पहले परिवार से बात क्यों नहीं की। जिस लाडली बेटी के लिए पिता दिन-रात एक किए थे, उसे कैसे मार दिया?
नगला पदी निवासी सुनील ने बताया कि बहन रेखा की शादी चंद्रप्रकाश से 30 साल पहले हुई थी। 16 साल बाद बहन के बेटी हुई थी। वह ठीक से चल नहीं पाती थी। बहन और बहनोई ने उसे कभी गोदी से उतरने नहीं दिया। दो साल बाद पता चला कि उसके मस्तिष्क का विकास भी उम्र के अनुसार नहीं हुआ है।
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विलाप करते परिजन और जांच करती पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रिश्तेदारों के घर भी कम ही जा पाते थे। रेखा को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु के बाद बेटी की देखभाल की जिम्मेदारी चंद्रप्रकाश पर आ गई। वह भी काम करने कम ही जाते थे। बेटी को पढ़ाने के लिए ट्यूटर रखा। मामा उसे अपने घर ले जाना चाहते थे, लेकिन पिता ने बेटी को अपने से अलग नहीं किया। डेढ़ साल पहले चंद्रप्रकाश ने दूसरी शादी की तो फिर से खुशी को लेने मामा गए। मगर, उनका यही कहना था कि बेटी की देखभाल के लिए ही वो शादी कर रहे हैं।
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बेटी का फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
दिव्यांग बेटी का बने थे सहारा
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय को इंद्रजीत ने बताया कि भतीजी खुशी को चलने के लिए सहारा लेना पड़ता था। पत्नी की माैत के बाद बेटी के सभी काम वही करते थे। उसकी देखभाल के लिए ही डेढ़ वर्ष पहले उन्होंने दिल्ली की सीमा से दूसरी शादी की थी। 8 महीने पहले चंद्रप्रकाश की नौकरी छूट गई। काफी प्रयास के बाद भी काम नहीं मिल पा रहा था। इससे वह आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। कुछ दिन पहले पत्नी सीमा मायके चली गई थी।
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विलाप करतीं घर की महिलाएं
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पत्नी से वीडियो काॅल पर की थी बात
इंद्रजीत ने पुलिस को बताया कि भाई चंद्रप्रकाश से रात 10 बजे बात हुई थी। वह सोने जा रहे थे। इसके बाद उनकी कोई बात नहीं हुई। वहीं पत्नी सीमा भी पहुंच गई। उन्होंने पुलिस को बताया कि पति से बृहस्पतिवार शाम 6 बजे वीडियो काॅल पर बात हुई थी। वह घर आने के लिए कह रहे थे। उसने कुछ दिन में आने का आश्वासन दिया था। कुछ देर बाद काॅल कट गई। पुलिस को आशंका है कि पत्नी और भाई से बातचीत के बाद रात में चंद्रप्रकाश ने खाना खाया। रसोई में एक पुड़िया में पाउडर जैसा कुछ मिला है। एक थाली भी रखी थी। उसने बेटी को खाना देने के बाद खुद फंदा लगा लिया।
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परिजनों से पूछताछ करती पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
शादी के 16 साल बाद हुई थी बेटी
चंद्रप्रकाश के साले सुनील ने बताया कि शादी के 16 साल बाद बड़ी मन्नतों के बाद बहन ने बेटी को जन्म दिया था। मगर, वो दिव्यांग थी। इस कारण उसकी देखभाल बहन और बहनोई करते थे। उसे स्कूल में पढ़ने के लिए भी भेजा। हालांकि वह पढ़ाई नहीं कर पाती थी। इस वजह से स्कूल भेजना बंद कर दिया।