{“_id”:”6798657b52ecd14051054185″,”slug”:”deeds-are-not-safe-in-the-registry-office-check-your-land-papers-more-than-100-deeds-have-been-tampered-2025-01-28″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: रजिस्ट्री दफ्तर में सुरक्षित नहीं बैनामे, अपनी जमीन के कागज जांच लें…100 से अधिक बैनामों में छेड़छाड़”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
आगरा के रजिस्ट्री दफ्तर के रिकाॅर्ड रूम में बैनामों की अदला-बदली का खेल अधिकारी, कर्मचारी और भूमाफिया के गठजोड़ से चलता रहा। 100 से अधिक बैनामों की जिल्द से छेड़छाड़ होने की बातें कहीं जा रही हैं और एसआईटी की जांच महज आठ से 10 बैनामों तक सीमित है।
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मुस्तफा क्वार्टर निवासी सरोज देवी ने 9 नवंबर को पहली एफआईआर कराई थी। जिसके बाद अशोक कुशवाह की शिकायत पर अन्य बैनामों में फर्जीवाड़ा सामने आया। डीएम के निर्देश पर 21 जनवरी को थाना शाहगंज में दूसरी एफआईआर दर्ज की गई। जिसमें आठ प्रकरण में फर्जीवाड़े की आशंका पर एसआईटी जांच हो रही है। इससे छह साल पहले 2019 में तत्कालीन सब रजिस्ट्रार तृतीय ने जिला निबंधक को भेजी रिपोर्ट में 2000 से 2005 तक के रिकाॅर्ड में गड़बड़ियों की शिकायत की थी।
इसके साथ ही कार्रवाई के लिए भी पत्र भेजा था, जो जिला निबंधक दफ्तर में धूल फांकता रहा। लेकिन मामले में गंभीरता से जांच तक नहीं कराई गई। तब सोबरन सिंह अभिलेखागार प्रभारी थे। रिपोर्ट में सब रजिस्ट्रार ने बताया था कि बही नंबर तीन में दस्तावेज संख्या 45/2004 पर भगवान देवी पत्नी टीकाराम नाम अंकित है। जिल्द 40 में गोरेलाल की वसीयत चस्पा है। जिल्द 40 में चस्पा अन्य दस्तावेजों की जांच में प्रलेख संख्या एक पर भी ननिगा पुत्र वृद्धा नाम अंकित है। जबकि खंड में प्रलेख पर सुरजीत सिंह पुत्र प्रेम सिंह की वसीयत चस्पा मिली।
फटे मिले आठ पन्ने
बही संख्या 1 जिल्द संख्या 76 में दर्ज दस्तावेज संख्या 3228/1996 की नकल के लिए सवाल डाला गया। जिल्द खंगाली तो आठ पन्ने फटे मिले। इंडेक्स व स्याहा में विक्रेता हरीशंकर व क्रेता कस्तूरी नाम अंकित मिला। जबकि खंड में राजीव गर्ग, नीरज गर्ग क्रेता व विक्रेता के रूप में स्वप्निल सिंह का नाम था। इसके अलावा जिल्द 487, 634 व 1075 का रिकाॅर्ड गायब था। ब्यूरो