Delay in DNA report hampers justice for rape victims



संवाद न्यूज़ एजेंसी

Trending Videos

झांसी। दुष्कर्म

पीड़िताओं को जल्द न्याय मिले, इसके लिए पॉक्सो एक्ट बनाया गया, लेकिन डीएनए रिपोर्ट आने में देरी के चलते उन्हें न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। आंकड़े बताते हैं कि 250 से ज्यादा मामले केवल डीएनए रिपोर्ट के फेर में न्यायालय में अटके हैं।

दुष्कर्म पीड़िताओं के त्वरित न्याय के लिए अलग से न्यायालय गठित किए गए। इसका उद्देश्य दोषियों को सजा दिलाकर अपराधियों में खौफ पैदा करना था, लेकिन डीएनए रिपोर्ट में देरी के चलते पुलिस की विवेचना पूरी नहीं हो रही। लिहाजा न्यायालय में फैसले तय सीमा में नहीं हो पा रहे। जो फैसले तीन माह या एक साल में होने चाहिए उनमें चार से पांच साल तक लग रहा। इस तरह के एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों प्रकरण हैं।

केस-1

समथर थाना क्षेत्र के रहने वाले आरोपी रामगुलाम ने 16 साल की लड़की से दुष्कर्म किया था। अब तक उसकी डीएनए रिपोर्ट नहीं आई। मामले की विवेचना अधूरी है। न्याय नहीं मिल पा रहा।

केस-2

कोतवाली थाना क्षेत्र में तीन साल पहले अरुण रायकवार ने नाबालिग से दुष्कर्म किया था। डीएनए रिपोर्ट नहीं आई। मामले में फैसला नहीं आ सका।

केस- 3

सीपरी बाजार थाना क्षेत्र में तीन साल पहले अमित उर्फ छोटू ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। सैंपल पहुंचने के बाद भी डीएनए रिपोर्ट नहीं आई।

केस-4

पूंछ थाना क्षेत्र में नितिन पाल समेत तीन आरोपियों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। अब तक प्रयोगशाला से रिपोर्ट नहीं आई।

72 घंटे में सैंपल लेकर पहुंचाने का है प्रावधान

दुष्कर्म के मामले में 72 घंटे के अंदर पीड़ित बालिका और आरोपी का नमूना लेकर प्रयोगशाला में भेजने का प्रावधान है। 90 दिन में रिपोर्ट आनी चाहिए। लेकिन प्रयोगशाला में लंबी प्रतीक्षा सूची होने के कारण जांच में देरी हो रही है।

….

दुष्कर्म के मामलों में बिना डीएनए रिपोर्ट के न तो विवेचना पूरी होती है न ही फैसला आ सकता है। इसीलिए कई मामलों में विशेष न्यायालय (पॉक्सो एक्ट) ने रिपोर्ट के लिए पत्र भी भेजा है। दुष्कर्म के कई मामले तो दो से पांच साल तक के लंबित हैं।

विजय सिंह कुशवाहा, विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट)



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अभी अभी की खबरें