अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में 22 नवंबर से होने वाले नॉर्थ जोन क्रिकेट टूर्नामेंट में अब अल फलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद की टीम नहीं खेल सकेगी। टीम के खेलने पर एआईयू (एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज) ने पाबंदी लगा दी है। यह निर्णय दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के भी जांच के घेरे में आने के बाद एआईयू ने लिया है। 27 नवंबर को अल फलाह यूनिवर्सिटी और मानव रचना यूनिवर्सिटी फरीदाबाद के बीच मैच था। अब नए सिरे से शेड्यूल बनेगा।

यूनिवर्सिटी पवेलियन पर टूर्नामेंट 22 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो चार दिसंबर तक खेला जाएगा। टूर्नामेंट में उत्तर भारत की 84 यूनिवर्सिटी की टीमें हिस्सा ले रही हैं, जिन्हें चार पूल में रखा गया है। 84 टीमों में अल फलाह यूनिवर्सिटी की टीम भी शामिल थी। यूनिवर्सिटी ने सात नवंबर को एआईयू में खेलने के लिए पंजीकरण कराया था। 11 नवंबर को दिल्ली में विस्फोट के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी खुफिया एजेंसियों की जद में आ गई। ऐसे में यूनिवर्सिटी के खेलने पर संशय के बादल मंडराने लगे थे। मंगलवार को एआईयू ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के खेलने पर पाबंदी लगा दी है।


अल फलाह यूनिवर्सिटी फरीदाबाद की टीम के खेलने पर एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज ने पाबंदी लगा दी है। अल फलाह यूनिवर्सिटी के बारे में एआईयू को जानकारी थी। अब उनका मेल आ गया है।-प्रो. सैयद अमजद रिजवी, सचिव, गेम्स कमेटी, एएमयू



खेल में भी खेल करती थी अल फलाह यूनिवर्सिटी


अल फलाह यूनिवर्सिटी नॉर्थ जोन इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में न सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बल्कि जीतने के लिए खेल भी करती थी। हॉकी हो या फुटबॉल, बैडमिंटन हो या क्रिकेट टीम। सभी में चुनिंदा खिलाड़ियों को रखने के लिए बाकायदा स्पोर्ट्स कोटे से खिलाड़ियों को अलग-अलग पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता था। ये खिलाड़ी दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों के होते हैं, जो काफी प्रतिभावान होते हैं। हालांकि, सिर्फ यह खिलाड़ी टूर्नामेंट तक ही यूनिवर्सिटी परिसर में नजर आते हैं। उसके बाद फिर अपने-अपने शहर चले जाते हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन बाहरी खिलाड़ियों से टीम इतनी मजबूत बनाती है, जो क्वार्टर फाइनल से लेकर सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी हैं।



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