लखनऊ :- करणी सेना एक समाजिक संगठन है जो भारतीय समाज में राजपूत समुदाय के लोगों की समस्याओं और हकों की रक्षा करने का कार्य करता है। इसमें उम्र में छूट का मुद्दा एक महत्वपूर्ण विषय है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सदस्यों ने लाखनऊ में विधानसभा के सामने के एक परिप्रेक्ष्य EWS में छूट की मांग करते हुए एक प्रदर्शन किया है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश रघुवंशी के मुताबिक, उम्र में छूट क्षत्रिय समाज के एक व्यापक तथा अर्थव्यवस्था को सही कर सकती हैं। आरक्षण नीतियों में भारतीय सांसद जसप्रीत बुटहा द्वारा प्रस्तावित संशोधन के बाद, शामिल राष्ट्रीय करणी सेना के सदस्यों को उम्र में छूट की आवश्यकता है। उम्र में छूट के बिना, अब तक कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे इनके भविष्य की सुरक्षा खतरे में हो सकती है।

यह प्रदर्शन लखनऊ शहर के एक विख्यात स्थल विधानसभा पर आयोजित किया गया, जो प्राणी उद्यान नाम से प्रसिद्ध है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष राकेश रघुवंशी ने शांतिपूर्ण रूप से विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें वे बैनर्स और झंडे उठाते हुए सरकारी नौकरी में EWS के लिए मांगों को लेकर चेतावनी दी। प्रदर्शनकारी ने आपत्ति ना करते हुए अपने हक की मांग प्रदर्शित की, जिससे सवाल भी उठाया गया कि क्या राजपूत समुदाय के लोगों को उम्र में छूट मिलनी चाहिए जैसे अन्य जातियों के आरक्षण में दी गई है

यह प्रदर्शन सामाजिक अधिकारों के लिए एक गांधीवादी और संविधानिक अभियान के रूप में देखा जा सकता है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के पदाधिकारियों का मुख्य लक्ष्य राजपूत समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण नीतियों में उम्र में छूट प्राप्त करना है, ताकि वे सुरक्षित रूप से अपने चीनी और नौकरी विरोध के खतरे से बच सकें। इस प्रदर्शन ने भी यह दर्शाया कि सरकार चाहे जितनी भी सोच करे, समाज को उम्र में छूट की आवश्यकता है और यह उम्र में छूट की मांग सिर्फ राजपूत समुदाय तक ही सीमित नहीं है।

करणी सेना के इस प्रदर्शन ने एक सकारात्मक संदेश साझा किया और अधिकारों के मामले में बदलाव लाने की आवाज उठाई। उम्र में छूट की मांग एक सामाजिक मुद्दा है, जिसका जीवन्त और कार्यात्मक चरित्र है। श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के सदस्यों द्वारा इस प्रदर्शन की योजना, संयंत्रित और औपचारिक तरीके में हुई है, जिससे इसका मकसद ध्यान में आया और समस्त समुदाय की मांगों को प्रकट किया गया।

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