despite death of youth in thana to cover up matter police showed him alive and forcibly referred him to CHC

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– फोटो : iStock

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उत्तर प्रदेश के एटा से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां निधौली कलां थाने में भूखा-प्यासा रखे गए युवक की मौत संभवत: थाने में ही हो गई थी। इसके बाद भी पुलिस लीपापोती करती रही। उसे जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, तो वह मृत हालत में था। परिजन के अनुसार इसके बावजूद पुलिसकर्मियों ने उसे जबरन रेफर करा लिया। अस्पताल से एंबुलेंस नहीं दी गई तो प्राइवेट गाड़ी में मेडिकल कॉलेज लेकर आए। हालांकि यहां भी मृत अवस्था में लाना बताया गया।

पुलिस के अनुसार खाना न मिलने और गर्मी की वजह से राकेश की तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद उसे निधौली कलां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। वहां से मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया। जहां पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ लिया। लेकिन सीएचसी के अभिलेख और डॉक्टर कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। सीएचसी अधीक्षक डॉ. अनुज कुमार यादव ने बताया कि सोमवार सुबह 9:40 पर राकेश नाम के व्यक्ति को लाया गया। वहां तैनात डॉ. शशांक ने उसे देखा था।



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