
फिरोजाबाद रेलवे स्टेशन पर बुधवार सुबह करीब पौने आठ बजे हुए रेल हादसे में देवर और भाभी की मौत हो गई। ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी में देवर-भाभी के साथ ही अन्य लोग भी ट्रैक पार करके स्टेशन जा रहे थे। इस दौरान देवर और भाभी को इतनी जल्दबाजी थी कि दोनों ही अपने दाएं और बाएं दोनों पर ध्यान देना भूल गए। यात्रियों ने आवाजें भी दी कि अरे भाई सुनो….ट्रेन आ रही है हट जाओ। जल्दबाजी में मददगारों की आवाज तक उनके कानों में नहीं पहुंच पाई।
जल्दबाजी और अनदेखी से देवर और भाभी दोनों की जान पर बन आई। अगर जरा सी भी सावधानी बरतते तो यह हादसा न होता। सनी जब स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंचा तो आगरा-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस खड़ी थी। सनी ने इंटरसिटी के पीछे से बच्चे और अन्य सदस्यों को ट्रैक पार करा दिया। बाद में सनी और सोनवती ट्रैक पार करने लगे। तभी कानपुर की ओर से डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस हॉर्न देते हुए आ गई।
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रेलवे ट्रैक
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सुनाई नहीं दी आवाज
स्टेशन पर मौजूद यात्रियों ने दोनों को आवाज भी लगाई कि अरे भाई ट्रैक से हट जाओं, ट्रेन आ रही है। लेकिन दोनों ट्रैक पार करने में इतनी जल्दी में थे कि यात्रियों की तो दूर ट्रेन का हॉर्न तक उनके कानों तक नहीं पहुंचा। दोनों प्लेटफार्म पर चढ़ ही रही थे कि 130 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से आई राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
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विलाप करते परिजन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इकलौते बेटे की राह ताकते रह गए माता-पिता
सनी अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। वह नोएडा की कंपनी में काम करता था। काफी समय से गांव भी नहीं गया था। माता-पिता इकलौते बेटे की राह काफी समय से ताक रहे थे। उन्हें क्या पता था कि बेटे की जगह उसकी मौत की खबर आ जाएगी। बेटे की मौत की खबर मिलते ही माता-पिता पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह फूट-फूटकर रोने लगे।
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देवर-भाभी का फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जल्दबाजी में ले रहे शॉर्टकट का सहारा
फिरोजाबाद स्टेशन के आसपास रहने वाले लोग जल्दबाजी के चक्कर में ट्रैक पार करते हैं। कई बार यह कदम घातक हो जाता है। बुधवार को देवर-भाभी की मौत के बाद भी लोग धड़ल्ले से रेलवे ट्रैक पार करते रहे। वहीं जिन लोगों पर इसे रोकने की जिम्मेदारी है वे इससे मुंह मोड़ रहे हैं। सुबह स्टेशन पर ट्रैक पार करने के चक्कर में देवर-भाभी की मौत हो गई। हादसे के दौरान रेलवे के अधिकारी, जीआरपी और आरपीएफ का अमला स्टेशन पर मौजूद था। दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद जीआरपी और आरपीएफ मौके से हट गई।

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ट्रेन सांकेतिक
– फोटो : अमर उजाला
जिम्मेदारों ने नहीं किया सचेत
मृतकों के शव हटते ही लोगों ने ट्रैक पार करना शुरू कर दिया। जिम्मेदारों ने उन्हें सचेत करने तक की जहमत नहीं उठाई। स्टेशन पर प्लेटफार्म बदलने के लिए पुल बना है, लेकिन कम ही लोग ही इसका प्रयोग करते हैं। अधिकतर लोग ट्रैक पार कर एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाते हैं।