डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि नवचयनित 60244 सिपाहियों को महाकुंभ में पुलिस के व्यवहार जैसा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। बीते 25-30 वर्षों में पुलिस के व्यवहार में सार्थक परिवर्तन आया है। इंडक्शन ट्रेनिंग का प्रभाव प्रशिक्षुओं के पूरे कॅरिअर पर पड़ता है। नवचयनित सिपाहियों को यूनिफार्म, ऑडियो विजुअल कंटेंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाए।

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डीजीपी सोमवार को पुलिस मुख्यालय में प्रदेश पुलिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा बेहतर नागरिक सुविधाएं देने के उद्देश्य से बिहेवियरल ट्रेनिंग प्रोग्राम की कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवचयनित सिपाहियों का प्रशिक्षण सुनहरा अवसर है। इसका हमें समुचित उपयोग करना चाहिए। 

ट्रेनिंग और कम्युनिकेशन अत्यंत महत्वपूर्ण

प्रशिक्षण में मिली सीख और फील्ड के व्यावहारिक अनुभव में संतुलन स्थापित करना चाहिए। पुलिस की बिहेवियरल ट्रेनिंग और कम्युनिकेशन अत्यंत महत्वपूर्ण है। महाकुंभ में पुलिसकर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार निरंतर प्रशिक्षण, ब्रीफिंग एवं काउंसिलिंग से संभव हो पाया।

डीजी प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा ने कहा कि नवनियुक्त रिक्रूट सिपाहियों के प्रशिक्षण को उच्च कोटि का बनाने के दृष्टिगत आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आई गॉट पोर्टल को शामिल किया गया है। प्रशिक्षुओं को पोर्टल पर उपलब्ध दो कोर्सेज को पूरा करना अनिवार्य होगा। तत्पश्चात प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुखों द्वारा विचार व्यक्त किए गए। 

सॉफ्ट स्किल कार्यशाला का आयोजन

एडीजी पीटीएस उन्नाव नवनीत सिकेरा ने बताया कि उनके द्वारा 32 पीटीआई को विशेष प्रशिक्षण प्रदान कर हेल्थ कोच बनाया गया है, जो प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षित करेंगे। क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) भारत सरकार के माध्यम से पांच दिवसीय सद्व्यवहार (सॉफ्ट स्किल) कार्यशाला का आयोजन किया गया है, जिसके माध्यम से लीड ट्रेनर्स तैयार किए जाएंगे। इस अवसर पर सीबीसी के सदस्य डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम, एडीजी प्रशिक्षण बीडी पॉल्सन एवं आईजी चंद्र प्रकाश उपस्थित थे।



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