राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को डीजीपी राजीव कृष्ण ने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी ढाबा संचालक को अपनी पहचान नहीं छिपानी चाहिए। यदि कोई ऐसा करके धार्मिक भावनाओं को आहत करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि ढाबों पर ओवर रेटिंग को भी रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) के साथ पुलिस समन्वय स्थापित कर कार्रवाई कर रही है।
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उन्होंने आगे कहा कि कांवड़ यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के लिए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है। अन्य राज्यों के साथ भी समन्वय बनाकर यात्रा को सकुशल संपन्न कराने का पुख्ता बंदोबस्त किया गया है। उनके साथ समन्वय के लिए व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाए गए हैं। इनमें रियल टाइम इंफार्मेशन साझा की जा रही है। पुलिस मुख्यालय को यात्रा मार्ग की सीसीटीवी, ड्रोन फुटेज मिल रही है, जिससे सुरक्षा और यातायात प्रबंधन का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है।
अवैध धर्मांतरण के हर मामले को गंभीरता से ले रहे
वहीं बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण रैकेट के खुलासे पर डीजीपी ने कहा कि एटीएस द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपियों की कस्टडी रिमांड दी है। रिमांड के दौरान एटीएस अवैध धर्मांतरण से जुड़े सुबूत जुटा रही है। हम ऐसे हर मामले को गंभीरता से लेकर उसकी तह तक जाकर कार्यवाही कर रहे हैं। ऐसे सिंडिकेट के पीछे जो लोग भी हैं, जो आर्थिक लाभ के लिए गैर कानूनी तरीके से धर्मांतरण करवा रहे थे। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।