Digital Attendance: Talks between teacher organizations and Director General of School Education fail, boycott

शिक्षकों की मांग है कि उन्हें 30 ईएल दी जाएं।
– फोटो : अमर उजाला

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 डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास शासन की ओर से शुरू हुए हैं। सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से विभिन्न शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया गया। इसमें कुछ संगठनों के पदाधिकारी उनसे मिले तो कुछ ने इसका बहिष्कार किया। हालांकि जो संगठन उनसे मिले, उसमें भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार जारी रखने का निर्णय लिया गया।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक स्कूल शिक्षक से निदेशालय में मुलाकात की। 

प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटाइजेशन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराया। डिजिटाइजेशन से पूर्व शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। साथ ही समस्याओं का निराकरण होने तक डिजिटाइजेशन के बहिष्कार जारी रखने की बात कही गई। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र कुमार, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पवार, महेश मिश्र शामिल थे।

वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के साथ हुई वार्ता में उन्होंने मांग उठाई कि विभाग शिक्षकों की मांगों पर क्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि नवंबर में भी विभागीय अधिकारियों से वार्ता हुई थी, उसका अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में भी प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक से वार्ता की।

शिक्षकों की प्रमुख मांग

1- अन्य विभागों की भांति शिक्षकों को न्यूनतम 15 हाफ डे लीव दी जाए।

2- शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल दी जाए।

3- बेसिक शिक्षा विभाग में प्रिविलेज अवकाश की व्यवस्था है, इसे दिया जाए।

4- अवकाश के दिनों में काम करने पर प्रतिकर अवकाश दिया जाए।

5- आकस्मिक घटना या आपदा में एक घंटे की अवधि में अनुपस्थित न माना जाए।

6- शिक्षकों को राज्य कर्मचारियों की भांति निःशुल्क कैशलेश चिकित्सा सुविधा दें।



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