{“_id”:”66ff05cde35f7a415c073a94″,”slug”:”diphtheria-symptoms-found-in-another-girl-admitted-orai-news-c-224-1-ori1005-120577-2024-10-04″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: एक और बालिका में मिले डिप्थीरिया के लक्षण, भर्ती”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}

उरई। जिले में डिप्थीरिया मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। गुरुवार को शहर के मोहल्ला बघौरा निवासी डिप्थीरिया के लक्षण वाली एक नौ साल की ऐश्वर्या को राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस समय दो बच्चे मेडिकल कॉलेज में भर्ती है। एक बच्चे की हालत ठीक न होने पर उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। डिप्थीरिया मरीजों की संख्या बढ़कर 27 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि विभाग के पास दवा पर्याप्त है और मरीजों की लगातार निगरानी की जा रही है।

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सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि डिप्थीरिया एंटी टॉक्सिन (डीएटी) की 27 वायलें उपलब्ध हैं। जिसमें दस मेडिकल कॉलेज और 17 जनपदीय स्टोर में उपलब्ध हैं। डिप्थीरिया के उपचार में प्रयोग की जाने वाली अन्य दवाएं भी पर्याप्त मात्रा में हैं। डीएटी वायलों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए रोजाना समीक्षा की जा रही है।

राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी ने बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जीएस चौधरी को डिप्थीरिया का नोडल नामित किया गया है। जबकि सीएमओ कार्यालय से जिला प्रतिरक्षण अधिकारी को नोडल नामित किया गया है। निर्देशित किया गया है कि राजकीय मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक डिप्थीरिया से पीडित बच्चों को वायलों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

सीएमओ ने डिप्थीरिया बीमारी के बारे में बताया कि इस बीमारी में बच्चे को जुखाम, खांसी के साथ गले में सूजन आ जाने के कारण जाली सी बन जाती है। जिससे बच्चों को सांस लेने में परेशानी होती है। जो शरीर की पूरे तत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और दम घुटने से बच्चे की मृत्यु हो जाती है। यदि बच्चा बच जाता है तो हार्ट अटैक की संभावना अधिक रहती है। यदि किसी बच्चे में डिप्थीरिया के लक्षण संदिग्ध हों तो तत्काल बाल रोग विशेषज्ञ, ईएनटी विशेषज्ञ से संपर्क करें। इस बीमारी से बचाव का कारगर उपाय नियमित टीकाकरण है।

डेंगू के तीन मरीज निकले, संख्या 22 पहुंची

उरई। मौसम में हो रहे परिवर्तन के साथ ही डेंगू के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। जिले में अलग अलग स्थानों पर डेंगू के तीन नए मरीज िमले हैं। इनमें शहर के मोहल्ला बघौरा निवासी उमर (22), आशी (12), गांधीनगर मौनी मंदिर के पास निवासी शिवानी (21) को कई दिनों से बुखार आ रहा था। जांच कराने में तीनों में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके साथ ही जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। शहर में जहां डेंगू मरीज मिले हैं वहां स्वास्थ्य विभाग व मलेरिया विभाग की टीम ने जाकर मरीज के घर के आसपास निरोधात्मक कार्रवाई की। उनके घरवालों के भी सैंपल लिए गए। (संवाद)



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