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उरई। जिले में डिप्थीरिया के मरीज बढ़ रहे हैं। डिप्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी की चपेट में अब तक 22 मरीज आ चुके हैं। इसमें तीन बच्चों की मौत भी हो चुकी है। दो मरीज मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। अब स्वास्थ्य विभाग डिप्थीरिया का टीका खरीद रहा है।
शुक्रवार को राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी व सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में बच्चों के इलाज का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को बच्चों का इलाज व देखभाल ठीक तरह से करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी के फैलने पर जिले में अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही विशेष टीकाकरण अभियान की भी शुरूआत की गई है।
जो बच्चे डिप्थीरिया की बीमारी से ग्रसित हैं। उनके इलाज के लिए डिप्थीरिया एंटी टाक्सिन वायल की कमी है। इसकी वजह से कई परिजन अपने बच्चों को लेकर झांसी़ कानपुर चले गए हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि 30 वायल आ गई हैं। सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा का कहना है कि डिप्थीरिया होने से पहले बच्चे को बुखार आता है। उसके इलाज में अनदेखी करने पर बच्चे के गले में सूजन आने लगती है। जिससे बच्चा डिप्थीरिया बीमारी से ग्रसित हो जाता है।
कहा कि इसका प्रमुख बचाव टीकाकरण ही है। बच्चे के जन्म से लेकर समय समय पर पांच बार टीकाकरण अवश्य कराएं। जिन बच्चों का समय से टीकाकरण हुआ है। वह इस बीमारी से दूर हैं। उनका कहना है कि वायल क्रय कर ली गई है। साथ ही आगे के लिए भी डिमांड कर दी गई है। मरीजों पर नजर रखी जा रही है। इस दौरान जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया, सीएमएस डॉ. प्रशांत निरंजन, अपर शोध अधिकारी आरपी विश्वकर्मा आदि मौजूद रहे।