अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत कुरैचा ग्राम समूह योजना की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से चौदह महीने से सात गांव के 5200 लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। जिलाधिकारी भी पीडब्ल्यूडी के प्रांतीय खंड को मरम्मत का निर्देश दे चुके लेकिन, छह माह बाद भी अभियंताओं को उनके निर्देश की कोई परवाह नहीं। पाइप लाइन की मरम्मत न होने से हजारों लोग इस सीजन में भी प्यास से तड़प रहे हैं। कुरैचा ग्राम समूह योजना के अंतर्गत अड़जार, निनौरा, रमपुरा, मगरपुर, खिसनी बुजुर्ग, खिसनी खुर्द एवं कनौरा तक पानी पहुंचाने के लिए करीब ग्यारह किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई है। इसके बाद प्रांतीय खंड ने जनवरी महीने में रानीपुर-निवाड़ी मार्ग के चौड़ीकरण करा दिया। इससे पाइप लाइन सड़क के काफी नीचे दब गई। लापरवाही से काम कराने से जगह-जगह पाइप लाइन टूट गई। इनकी मरम्मत नहीं कराई गई। इससे इन गांवों तक पानी नहीं पहुंच सका। यह मामला जिलाधिकारी के पास पहुंचा। तत्कालीन जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने 27 नवंबर को पीडब्ल्यूडी अभियंताओं को क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की मरम्मत कराने के लिखित निर्देश जारी किए। इसके भी करीब पांच महीने बीत चुके लेकिन, प्रांतीय खंड अभियंताओं ने यह काम नहीं कराया। इस वजह से यहां रहने वाले 5200 लोग पानी से वंचित हैं। चौदह महीने से लोगों को पानी का इंतजार है। यह शिकायत शासन तक भी पहुंच गई। ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने 8 अप्रैल को लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव अजय चौहान से दखल देने को कहा। अब इसके भी करीब एक महीने होने को हैं लेकिन, कई आला अफसरों के निर्देश के बाद भी प्रांतीय खंड अभियंता इसकी मरम्मत कराने को राजी नहीं हुए। आखिरकार जल निगम ने बुधवार को फिर से शासन से गुहार लगाई है। जल निगम के अधिशासी अभियंता रणविजय सिंह का कहना है कि यहां पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से ही जलापूर्ति आरंभ नहीं हो पा रही है।