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अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। लावारिस शव से बेकद्री के मामले में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज प्रशासन बुरी तरह घिर गया है। पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में यह तथ्य सामने आया कि 11 मई को टहरौली में घायल होने के बाद युवक को चिरगांव स्थित सीएचसी ले जाया गया था। यहां से गंभीर हालत में उसे मेडिकल कॉलेज भेजा गया। 13 मई को युवक ने दम तोड़ दिया, लेकिन इसके 18 दिन बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उसकी मौत की सूचना पुलिस को नहीं दी। इस वजह से पोस्टमार्टम नहीं हुआ और शव मोर्चरी में पड़ा सड़ता रहा। सोमवार को इस मामले के तूल पकड़ने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सफाई पेश की। एसआईसी सचिन माहुर का कहना है कि युवक की मौत के बाद उसका शव लेने दो-तीन लोग आए, लेकिन पहचान पत्र न होने से उनको शव नहीं दिया गया। तीन-चार दिन बाद वे लोग दोबारा आए। युवक के भाई को लेकर आने की बात कहकर वे लोग चले गए। इसके बाद नहीं लौटे। नियमों के मुताबिक अज्ञात व्यक्ति की मौत होने पर तुरंत पुलिस को सूचना देनी होती है, लेकिन इस मामले में मेडिकल कॉलेज की ओर से लापरवाही बरती गई। शव की शिनाख्त न होने के बाद भी 18 दिन तक मेडिकल कॉलेज ने पुलिस को जानकारी नहीं दी।