Muzaffarnagar: व्यापारी सुरक्षा फोरम संस्थान की एक महत्वपूर्ण बैठक गांधी कॉलोनी के एक रेस्टोरेंट में संपन्न हुई। इस बैठक का उद्देश्य न केवल शहर की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना था, बल्कि ऑनलाइन शॉपिंग से हो रहे स्थानीय व्यापारियों को नुकसान से भी जनता को जागरूक करना था। फोरम ने Diwali के शुभ अवसर पर जनता से निवेदन किया कि वे ऑनलाइन शॉपिंग की बजाय अपने शहर के बाजारों से खरीदारी करें, ताकि शहर की आर्थिक स्थिति में मजबूती आ सके और स्थानीय व्यापारियों को समर्थन मिले।

बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्यों ने अपनी राय दी और इस बात पर जोर दिया कि ऑनलाइन खरीदारी का सीधा असर स्थानीय बाजारों पर पड़ता है। जब लोग शहर के बाजारों से सामान नहीं खरीदते हैं, तो कई छोटे व्यापारी और उनके कर्मचारी प्रभावित होते हैं। इससे न केवल उनके रोजगार पर असर पड़ता है, बल्कि शहर की अर्थव्यवस्था भी कमजोर होती है।

शहर के बाजारों से खरीदारी क्यों ज़रूरी है?

इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करते हुए, फोरम के प्रमुख सदस्य विश्व दीप गोयल बिट्टू ने बताया, “हमारे शहर में हजारों व्यापारी अपनी रोज़ी-रोटी के लिए बाजारों पर निर्भर हैं। जब लोग ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, तो इन व्यापारियों के लिए मुश्किलें बढ़ जाती हैं। हमें समझना चाहिए कि जब हम अपने ही शहर से खरीदारी करते हैं, तो न केवल हम बाजारों की रौनक बढ़ाते हैं, बल्कि कई परिवारों की आजीविका का भी सहारा बनते हैं।”

राजकुमार रहेजा, ने कहा, “बाजारों से खरीदारी करने से एक आपसी सामंजस्य और भाईचारा बढ़ता है। यह सिर्फ लेन-देन का मामला नहीं है, बल्कि इससे एक सामाजिक जुड़ाव भी बनता है। शहर की जनता जब एक-दूसरे से मिलती-जुलती है और व्यापार करती है, तो आपसी सौहार्द और स्नेह का भी आदान-प्रदान होता है।”

मनोज गुप्ता ने इस मौके पर कहा, “जब आपके द्वारा खरीदा गया पैसा आपके शहर में सर्कुलेट होता है, तो इसका फायदा हर व्यक्ति को होता है। आप जो सामान अपने शहर के Diwali बाजार से खरीदते हैं, उसका लाभ सिर्फ उस दुकानदार को नहीं, बल्कि पूरी शहर की अर्थव्यवस्था को होता है। इसीलिए, इस दीपावली हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम ऑनलाइन शॉपिंग से दूरी बनाकर अपने स्थानीय बाजारों को सशक्त बनाएंगे।”

ऑनलाइन शॉपिंग से नुकसान – एक गहरी चिंता

बैठक के दौरान कानूनी सलाहकार हर्षित गर्ग ने ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “ऑनलाइन शॉपिंग के आकर्षण में आकर लोग यह भूल जाते हैं कि इसके कारण कितने छोटे व्यापारी और उनके कर्मचारी बेरोजगार हो रहे हैं। साथ ही, बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अक्सर स्थानीय व्यापारियों की मेहनत को दरकिनार कर उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं।”

उन्होंने कहा, “अगर हम अपने शहर के बाजारों से सामान खरीदते हैं, तो यह सुनिश्चित होता है कि हमारा पैसा हमारे शहर में ही रहेगा। इसका सीधा असर शहर के विकास और उन्नति पर पड़ता है। इससे न केवल व्यापारियों को फायदा होता है, बल्कि शहर की सम्पूर्ण प्रगति में भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

बैठक में मौजूद अन्य व्यापारी बंधु जैसे अजय गर्ग, संजय अग्रवाल, विकास शर्मा, राजीव गर्ग, नितिन कुछअल और कपिल सिंधी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी। सभी का एकमत था कि ऑनलाइन शॉपिंग की बजाय स्थानीय बाजारों से खरीदारी करने से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं, और शहर में आर्थिक संतुलन बना रहता है।

व्यापारी सुरक्षा फोरम का लक्ष्य – स्थानीय बाजारों को सशक्त बनाना

बैठक का आयोजन केवल एक सामान्य विचार-विमर्श नहीं था, बल्कि यह एक व्यापक मुहिम का हिस्सा था। व्यापारी सुरक्षा फोरम का लक्ष्य है कि शहर के हर नागरिक को यह समझ में आए कि स्थानीय बाजारों को मजबूत करना कितना आवश्यक है। फोरम के प्रमुख सदस्य पुलकित अग्रवाल और रोहित भाटिया ने कहा, “हमारा प्रयास है कि हर व्यक्ति को यह महसूस हो कि ऑनलाइन शॉपिंग एक सुविधा हो सकती है, लेकिन इसका दीर्घकालिक नुकसान बहुत गहरा है।”

उन्होंने कहा, “अगर हम स्थानीय बाजारों को जीवित रखना चाहते हैं, तो हमें अपने क्रय-विक्रय के तरीकों में बदलाव लाना होगा। यह समय की मांग है कि हम अपने शहर के व्यापारियों को समर्थन दें और उनके साथ खड़े हों।”

सचिन सिंगल और शिवम जैसे युवा व्यापारियों ने भी अपने विचार साझा किए और बताया कि कैसे ऑनलाइन शॉपिंग से नई पीढ़ी का ध्यान स्थानीय बाजारों से हटता जा रहा है। “हमें अपनी नई पीढ़ी को यह सिखाने की जरूरत है कि बाजारों में खरीदारी करने से हमें सिर्फ सामान ही नहीं मिलता, बल्कि हमें एक सामाजिक अनुभव और एकता का भी एहसास होता है,” उन्होंने कहा।

Diwali पर विशेष अपील – बाजारों की रौनक लौटाएं

बैठक के अंत में व्यापारी सुरक्षा फोरम ने दीपावली के अवसर पर एक विशेष अपील की। उन्होंने कहा, “दीपावली हमारे देश का एक प्रमुख त्योहार है, जो खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस त्योहार पर हमें अपने शहर के व्यापारियों का सहयोग करना चाहिए और बाजारों में रौनक लानी चाहिए। जब आप अपने शहर के बाजारों से सामान खरीदेंगे, तो न केवल आप दीपावली की खुशियां बढ़ाएंगे, बल्कि आप अपने शहर की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएंगे।”

बैठक में शामिल अन्य प्रमुख व्यापारी जैसे सामंती जैन, एडवोकेट मुनीश शर्मा, सागर अरोड़ा और सुशील सैनी ने भी इस संदेश को जोर देकर रखा और कहा कि इस दीपावली, हम सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम ऑनलाइन शॉपिंग से दूरी बनाएं और अपने शहर के व्यापारियों का समर्थन करें।

व्यापारी सुरक्षा फोरम की यह पहल सिर्फ एक अपील नहीं है, बल्कि यह एक सामूहिक प्रयास है कि हम अपने शहर की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाएँ और व्यापारियों को वह समर्थन दें जिसके वे हकदार हैं। ऑनलाइन शॉपिंग के चलन को देखते हुए, यह जरूरी हो गया है कि हम समय रहते इस समस्या पर ध्यान दें और अपने शहर के व्यापारियों के हित में कार्य करें। दीपावली का अवसर इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जहां हम अपने शहर के बाजारों को प्रोत्साहित करें और इस बात का प्रण लें कि हम अपने शहर की प्रगति में योगदान देंगे



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