उटंगन नदी में डूबे 12 लोगों का रेस्क्यू मेरे जीवन का सबसे कठिन ऑपरेशन था। नदी में डूबने वाले सभी 16 से 25 वर्ष के थे। उनके परिजन बहुत परेशान थे। इसलिए मेरा भावनात्मक जुड़ाव रहा। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ से लेकर पुलिस, प्रशासन और ग्रामीणों की मदद मिली। करीब 500 लोग इस ऑपरेशन में जुटे रहे। यह कहना है डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी का।
उटंगन नदी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए हादसे में डूबे सभी 12 लोगों के शव बरामदगी के बाद बुधवार को डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कलेक्ट्रेट में प्रेसवार्ता की। नदी में डूबे लोगों को बाहर निकालने के लिए डीएम 6 दिन खेरागढ़ डूंगरवाला गांव में नदी के घाट पर डटे रहे। लगातार ऑपरेशन चला। डीएम ने कहा दुर्भाग्य से हम डूबे हुए लोगों को जिंदा नहीं बचा सके। लेकिन, इस हादसे से हमने बहुत कुछ सीखा है।
उन्होंने बताया कि 500 से अधिक लोग ऑपरेशन में जुटे रहे। राजस्थान से नदी में पानी छोड़े जाने के कारण तीन दिन मुश्किल भरे थे। रेस्क्यू ऑपरेशन में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
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उटंगन नदी से हटाए बंधे
रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद बुधवार को उटंगन नदी में लगाए बंधे भी प्रशासन ने हटवा दिए हैं। करीब 400 मीटर लंबाई में तीन बांध लगाकर जलधारा को रोक कर रेस्क्यू ऑपरेशन चला। नदी के बीच में 20 फीट गहरा गड्ढा था। इसमें एक-एक कर 12 लोग डूब गए जिनके शव दलदल में फंसे थे।