डीएम ने फसल अवशेष प्रबंधन के प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया किसान सेवा रथ

Trending Videos

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। पराली को जलाएं नहीं बल्कि आय का जरिया बनाएं। पराली जलाने से हवा दूषित होती है। मित्र कीट मर जाते हैं। मृदा के पोषक तत्वों की क्षति होती है। पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। लेखपाल अवशेष नहीं जलने दें। पुलिस भी प्रभावी कदम उठाएं। ये यह बात बृहस्पतिवार को डीएम अविनाश कुमार ने कही। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन का प्रचार-प्रसार के लिए किसान सेवा रथ को रवाना किया।

डीएम ने अपील किसानों से करते हुए कहा खेत में आग नहीं लगाएं। मुख्यमंत्री की मंशा है पराली प्रबंधन से किसानों की आय बढ़ाई जाए। इसे मूर्त रूप देने के लिए किसानों को नि:शुल्क वेस्ट डी-कंपोजर कैप्सूल दिए जा रहे हैं। किसान इसका प्रयोग करें और पराली/कृषि अवशेष को खाद बनाते हुए फसल पैदावार को बढ़ावा दें। विशेष रूप से विकास खंड मोंठ, बड़ागांव और चिरगांव के किसानों को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा पराली जलाने से खेत के मित्र कीट भी मृत होते हैं। मृदा के पोषक तत्वों की भी क्षति हुई होती है। पैदावार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

राजस्व ग्राम के लेखपाल की जिम्मेदारी है कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलने नहीं दें। यदि कोई जानकारी मिलती है, तो उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी। थाना प्रभारियों को निर्देश दिये कि फसल अवशेष जलने से रोकने के लिये प्रभावी कार्यवाही करें। उप कृषि निदेशक एमपी सिंह से कहा वितरित किए जा रहे वेस्ट डी कंपोजर कैप्सूल के प्रयोग विधि को बिंदु बार किसानों को दी जाए। इस दौरान जिला कृषि अधिकारी केके मिश्रा, दीपक कुशवाहा, हरीश चंद्र वर्मा, धर्मेंद्र प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *