Do not take medicine from quacks even for minor fever heavy antibiotics and steroids are damaging kidneys

झोलाछाप डॉक्टर
– फोटो : सोशल मीडिया

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आगरा में झोलाछाप मरीजों को गंभीर बीमारियां दे रहे हैं। मामूली बुखार-खांसी में भी हैवी एंटीबायोटिक और इस्टेरॉयड देने से किडनी और लिवर पर असर पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग के छापे में झोलाछाप और अवैध अस्पतालों में ये दवाएं मिली हैं।

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सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि बीते महीने में टीम ने झोलाछाप की 15 दुकानों और 10 अवैध अस्पतालों को बंद कराते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। इनके यहां मिले मरीजों के इलाज की पड़ताल करने पर ये पाया गया कि बुखार, खांसी, पेट दर्द, उल्टी-दस्त समेत अन्य सामान्य बीमारियों में हैवी एंटीबायोटिक दवाएं, इस्टेरॉयड, नारकोटिक्स श्रेणी की दवाएं इस्तेमाल की गईं। बच्चों को भी यही दवाएं दी गईं।

उन्होंने बताया कि इनसे किडनी-लिवर, पेट रोग और मांसपेशियों के दर्द समेत अन्य परेशानी होने का खतरा रहता है। भविष्य में इन दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाने से ये मरीज पर असर भी नहीं करेंगी। छापे के वक्त मिले मरीजों ने पूछताछ में यही बताया कि ये सस्ती दवा देते हैं और इनकी दवा से तत्काल आराम मिलता है। इस पर उनको इसके दुष्प्रभाव की जानकारी देते हुए जिला अस्पताल, एसएन, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर निशुल्क इलाज की सुविधा लेने के लिए जागरूक करते हैं।

किडनी-लिवर पर सीधा असर

आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जेएन टंडन का कहना है कि झोलाछाप मरीज को तत्काल राहत के मकसद से दवा देते हैं। इसके लिए वह दवाओं की भरमार कर देते हैं। हैवी एंटीबायोटिक, इस्टेरॉयड और कई तरह की दवाएं देते हैं। इससे किडनी, लिवर पर सीधे असर पड़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। ऐसे में मरीज विशेषज्ञ चिकित्सक और सरकारी अस्पतालों का लाभ प्राप्त कर सकता है।

 



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