{“_id”:”6898f2acd45bd593a5003a68″,”slug”:”doctor-disappeared-investigation-stuck-officers-are-giving-notice-lucknow-news-c-13-knp1050-1332590-2025-08-11″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Lucknow News: डॉक्टर हुए गायब, जांच अटकी, अफसर दे रहे नोटिस”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}

केस-1 :

गुडंबा क्षेत्र के आदिलनगर स्थित जनता मेडिकल सेंटर में तीन अगस्त को सिजेरियन प्रसव के बाद विकासनगर निवासी सुषमा देवी (28) की मौत हो गई। पति आनंद गौतम ने अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ. जीपी गुप्ता ने जांच शुरू की तो पता चला कि अस्पताल का पंजीकरण ही नहीं है। निरीक्षण में कोई प्रशिक्षित डॉक्टर भी मौजूद नहीं था। कार्रवाई करने के बजाय अफसर महज नोटिस जारी करने तक ही सीमित हैं।
केस-2 : ठाकुरगंज की दूध मंडी में जंगली पीर बाबा के मजार के पास रहने वाली सोमैया ने बुखार और शरीर में दर्द से पीड़ित बेटे जियान (3) को ऑक्सीजन हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने 50 हजार रुपये का महंगा इंजेक्शन जरूरी बताया। मजबूरी में मां ने जेवर गिरवी रखकर पैसे जुटाए, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया। जांच एडी मंडल के जिम्मे है, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी कार्रवाई सिर्फ नोटिस तक सीमित है।
लखनऊ। ये दोनों मामले स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती की पोल खोलते हैं। बिना पंजीकरण चल रहे जनता अस्पताल को नोटिस थमाने के बाद भी संचालन पर रोक नहीं लगाई गई। ऑक्सीजन हॉस्पिटल में डॉक्टर बीमारी का हवाला देकर अब तक बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचे, जिससे जांच अटकी पड़ी है। यही हाल हयात हॉस्पिटल का भी है, जहां सिजेरियन प्रसव के बाद प्रसूता की मौत हुई थी, लेकिन डॉक्टर का बयान अब तक दर्ज नहीं हो सका। अफसर हाथ पर हाथ धरे नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं।
अपर निदेशक लखनऊ मंडल डॉ. जीपी गुप्ता ने बताया कि जनता अस्पताल में ऑपरेशन करने वाली महिला डॉक्टर का बयान दर्ज हो चुका है, लेकिन बेहोशी देने वाले डॉक्टर अब तक नहीं आए। उन्हें रिमांइडर भेजा गया है। अस्पताल में भर्ती कराने वाला दलाल भी बयान दर्ज कराने नहीं पहुंचा। ऑक्सीजन और हयात अस्पताल को भी रिमांइडर नोटिस भेजा गया है। तीनों अस्पतालों की जांच फिलहाल जारी है।