
रेल पर लगातार हो रहे हैं हमले।
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कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करके हजारों लोगों की जान खतरे में डालने की साजिश रचने के आरोपियों की तलाश केंद्रीय जांच एजेंसियों ने तेज कर दी है। शुरुआती जांच में एटीएस और कानपुर पुलिस कमिश्नरेट को कोई अहम सुराग नहीं मिलने पर केंद्रीय एजेंसियां बीते दिनों देश भर में हुई ऐसी घटनाओं की कड़ियों को जोड़ रही हैं। एजेंसियों को शक है कि इन घटनाओं को अंजाम देने का मकसद देश में अस्थिरता पैदा करना है।
उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो कानपुर और उसके आसपास बीते दिनों हुईं ऐसी तीन घटनाओं के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने इसके लिए अन्य राज्यों से भी जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। इससे सभी घटनाओं का आपस में कोई लिंक होने और किसी आतंकी संगठन की भूमिका होेने का पता लगाया जा रहा है। वहीं पूर्व में वर्षों में इस तरह की घटनाओं के आरोपियों को भी खंगाला जा रहा है, ताकि उनसे ही कोई अहम सुराग मिल सके।
कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट को गृह मंत्रालय ने गंभीरता से लेते हुए पूरे घटनाक्रम की पड़ताल का जिम्मा एनआईए को दिया है। साथ ही, आईबी के अधिकारी कानपुर और आसपास के जिलों में आतंकी संगठनों के स्लीपिंग माड्यूल्स को चिन्हित कर उनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। गृह मंत्रालय ने रेलवे को भी ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए सभी एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन करने को कहा गया है। केंद्रीय एजेंसियों के साथ पुलिस और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी लगातार समन्वय बनाए हुए हैं।
गहराता जा रहा शक
बता दें कि बीते माह कानपुर में साबरमती एक्सप्रेस और फर्रुखाबाद के कायमगंज में पैसेंजर ट्रेन को बेपटरी करने की कोशिश भी हुई थी। कानपुर की घटना में एटीएस को कोई अहम सुराग नहीं मिला तो कायमगंज में दो शराबी युवकों को पकड़ा गया था। अब इन दोनों घटनाओं में मिले सुरागों को दोबारा खंगाला जा रहा है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं पुलिस ने आनन-फानन में तो इनका खुलासा नहीं किया था।