Drivers are driving roadways buses without uniforms, conductors are also helping them

मथुरा। बिना वर्दी के रोडवेज बस चलाता ड्राइवर
– फोटो : mathura

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मथुरा परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक का आदेश चालक-परिचालकों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। तभी को कई बार के रिमांडर के बाद भी चालक-परिचालक वर्दी में ड्यूटी नहीं कर रहे हैं। मथुरा डिपो में कुल 399 चालक-परिचालक हैं जो कि अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।

परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने 2023 में चार्ज संभालने के बाद चालक-परिचालकों को वर्दी में ड्यूटी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्हें अपनी शर्ट पर नेम प्लेट लगाने के भी निर्देश दिए, लेकिन आज तक अधीनस्थ उनके आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। चालक-परिचालक अपनी मर्जी के कपड़े पहनकर ड्यूटी कर रहे हैं।

मथुरा डिपो में 264 परिचालक और 135 चालक हैं। इनमें से कुछेक को छोड़ दिया जाए तो बाकी सभी बिना वर्दी के ड्यूटी करते हैं। नेम प्लेट तो कोई चालक-परिचालक नहीं लगाता है। क्षेत्रीय प्रबंधक बीपी अग्रवाल ने बताया कि समय-समय पर सभी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को निर्देशित किया जाता है कि वह वर्दी में आने वाले चालक-परिचालकों को ही ड्यूटी पर भेजें। इसके बाद भी यदि कोई चालक परिचालक वर्दी पहनकर नहीं आ रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।

यह है कार्रवाई का प्रावधान

बिना वर्दी में पाए जाने पर पहली बार में 100 रुपये, दूसरी बार में 200 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। इसके बाद तीसरी बार बिना वर्दी के पकड़े जाने पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाती है। वहीं, परिवहन निगम चालक-परिचालकों को वर्दी के लिए 18 सौ रुपये देता है ताकि वह अपनी वर्दी बनवाएं और उसे पहनकर ड्यूटी करें।



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