कानपुर में मजबूत साक्ष्य और सटीक विवेचना के लिए बनाया गया पुलिस का हथियार (ई-साक्ष्य एप) शातिर और बड़े अपराधियों के सामने बेकार साबित हो रहा है। इसमें पुलिसकर्मियों को घटनास्थल से फोटो, वीडियो के साथ लोगों के बयान लेकर उन्हें एप पर अपलोड करने होते हैं। यह एप चोरी, लूट, आत्महत्या, दुर्घटनाओं, सड़क हादसों में तो सही तरीके से काम करता है।
Trending Videos
हालांकि, मुठभेड़ या गुडवर्क में गिरफ्तारी दिखाने के दौरान धड़ाम हो जाता है। ऊपर के चारों केस महज बानगी भर हैं, यह मामले कमिश्नरी के सभी थानाक्षेत्रों में सामने आ रहे हैं। अब इसे तकनीकी दिक्कत कहा जाए या फिर विवेचक का जुगाड़, लेकिन पारदर्शी व्यवस्था पर सवाल जरूर खड़े होने लगे हैं।