आगरा की शाहगंज पुलिस ने धर्मांतरण कराने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी राजकुमार लालवानी और तीन महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी प्रार्थनासभा में लोगों को बहाने से बुलाते थे। ईसाई धर्म अपनाने पर बीमारी और गरीबी दूर करने का झांसा देते थे। घर से देवी-देवताओं की मूर्तियां हटाने का दबाव डालते थे। हाथों से कलावे कटवा देते थे। तिलक लगाने से रोक देते थे। मुख्य आरोपी भी चार साल पहले हिंदू से ईसाई बना था। इसके बाद अन्य लोगों का धर्म परिवर्तन कराने लगा। उसके संपर्क में कई और लोग हैं। उनके बारे में पुलिस पड़ताल में लगी है।

loader

 




Trending Videos

Eight arrested in Agra for converting people on pretext of curing disease and poverty

पुलिस की गिरफ्त में धर्मांतरण कराने वाले आरोपी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


‘हाथ में बंधा कलावा खुलवाया, तिलक हटवाया’

डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस मामले में केदार नगर निवासी घनश्याम हेमलानी ने पुलिस से शिकायत की थी। बताया कि उसे राजकुमार ने दो से तीन बार अपने घर बुलाया। इस दाैरान हाथ में बंधा कलावा खुलवा दिया। तिलक हटवा दिया। घर से मूर्ति हटाने के लिए कहा। इस पर उन्हें शक हो गया। घनश्याम की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई की।


Eight arrested in Agra for converting people on pretext of curing disease and poverty

पुलिस की गिरफ्त में धर्मांतरण कराने वाला आरोपी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


गिरफ्तार आरोपी राजकुमार लालवानी चार साल पहले उल्लहास नगर, महाराष्ट्र गया था। यहां पर हिंदू से ईसाई बन गया। अपने घर आने के बाद धर्म परिवर्तन कराने लगा। लोगों को विश्वास में लेकर बीमारी ठीक करने के नाम पर यीशु का स्मरण कराता था। इसके बाद बाइबल पढ़ने को कहता था। इसी के नाम पर पैसा भी लेता था। बच्चों की अच्छी पढ़ाई व किसी क्रिश्चियन मिशनरी में नौकरी दिलाने की बात करता था। इससे लोग झांसे में आ जाते थे।


Eight arrested in Agra for converting people on pretext of curing disease and poverty

पुलिस की गिरफ्त में धर्मांतरण कराने वाले आरोपी
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


कलावे काट दो, तिलक मिटा दो…

पुलिस के मुताबिक, हिंदू से ईसाई बनने वालों को कभी भी कलावा नहीं पहनने दिया जाता था। तिलक भी नहीं लगाने देते थे। हर सभा में कलावा काटने और तिलक मिटाने की बात कहते थे। धर्म परिवर्तन करने वाले घर में मूर्ति नहीं रखते थे। इसके लिए मना कर दिया जाता था। जो लोग कीर्तन सभा में मांस खाकर खून पीते हैं, वह ईसाई बन जाते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। कई बार लोगों के कष्ट दूर करने के नाम पर रकम भी ली जाती थी। इससे जो फायदा होता था, उसे आरोपी आपस में बांट लिया करते थे।

 


Eight arrested in Agra for converting people on pretext of curing disease and poverty

कुछ इस तरह कराया जाता था धर्मांतरण
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


महिला सिपाहियों का माथा पकड़ा, फिर की प्रार्थना

पुलिस को जब शिकायत मिली तो एक दरोगा और दो महिला सिपाहियों को राजकुमार के घर भेजा गया। महिला सिपाही ने पेट दर्द की समस्या बताई। कहा कि वह मां नहीं बन पा रही है। इस पर राजकुमार सहित अन्य आरोपी कहने लगे कि प्रार्थना से सब कुछ ठीक जाएगा।




Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *