‘हाथ में बंधा कलावा खुलवाया, तिलक हटवाया’
डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने बताया कि इस मामले में केदार नगर निवासी घनश्याम हेमलानी ने पुलिस से शिकायत की थी। बताया कि उसे राजकुमार ने दो से तीन बार अपने घर बुलाया। इस दाैरान हाथ में बंधा कलावा खुलवा दिया। तिलक हटवा दिया। घर से मूर्ति हटाने के लिए कहा। इस पर उन्हें शक हो गया। घनश्याम की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई की।
गिरफ्तार आरोपी राजकुमार लालवानी चार साल पहले उल्लहास नगर, महाराष्ट्र गया था। यहां पर हिंदू से ईसाई बन गया। अपने घर आने के बाद धर्म परिवर्तन कराने लगा। लोगों को विश्वास में लेकर बीमारी ठीक करने के नाम पर यीशु का स्मरण कराता था। इसके बाद बाइबल पढ़ने को कहता था। इसी के नाम पर पैसा भी लेता था। बच्चों की अच्छी पढ़ाई व किसी क्रिश्चियन मिशनरी में नौकरी दिलाने की बात करता था। इससे लोग झांसे में आ जाते थे।
कलावे काट दो, तिलक मिटा दो…
पुलिस के मुताबिक, हिंदू से ईसाई बनने वालों को कभी भी कलावा नहीं पहनने दिया जाता था। तिलक भी नहीं लगाने देते थे। हर सभा में कलावा काटने और तिलक मिटाने की बात कहते थे। धर्म परिवर्तन करने वाले घर में मूर्ति नहीं रखते थे। इसके लिए मना कर दिया जाता था। जो लोग कीर्तन सभा में मांस खाकर खून पीते हैं, वह ईसाई बन जाते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें किसी तरह का प्रमाणपत्र नहीं दिया जाता था। कई बार लोगों के कष्ट दूर करने के नाम पर रकम भी ली जाती थी। इससे जो फायदा होता था, उसे आरोपी आपस में बांट लिया करते थे।
महिला सिपाहियों का माथा पकड़ा, फिर की प्रार्थना
पुलिस को जब शिकायत मिली तो एक दरोगा और दो महिला सिपाहियों को राजकुमार के घर भेजा गया। महिला सिपाही ने पेट दर्द की समस्या बताई। कहा कि वह मां नहीं बन पा रही है। इस पर राजकुमार सहित अन्य आरोपी कहने लगे कि प्रार्थना से सब कुछ ठीक जाएगा।