ओपीडी, इमरजेंसी और वार्ड में फैली गंदगी से मरीज और तीमारदार रहे परेशान

Trending Videos

हड़ताल के समर्थन में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने प्राचार्य कार्यालय परिसर में दिया धरना

आरोप, कागजों में कार्यरत हैं 850 कर्मी जबकि हकीकत में 350 ही कर रहे काम

फोटो….

अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। वेतन न मिलने से गुस्साए वार्ड बॉय, वार्ड आया और सफाईकर्मियों की आठ घंटे की हड़ताल से मेडिकल कॉलेज की ओपीडी, इमरजेंसी और वार्ड गंदगी से बजबजा गए। साफ-सफाई न होने से ओपीडी में भरे बारिश के पानी को नहीं निकाला जा सका। इसकी वजह से चारों ओर और गंदगी पसर गई थी। इमरजेंसी और वार्डों में भी गंदगी फैली रही। इसकी वजह से मरीज और तीमारदार परेशान रहे। दोपहर करीब तीन बजे कॉलेज प्रशासन ने दो दिन में वेतन भुगतान कराने का भरोसा दिया, तब जाकर हड़ताल खत्म हुई।

मेडिकल कॉलेज के अनुसार, एजेंसी के करीब 500 कर्मी कार्यरत हैं। इनमें वार्ड बॉय, वार्ड आया और सफाई कर्मी हैं। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे सभी ठेका कर्मियों ने मेडिकल कॉलेज के गेट एक पर कामकाज ठप करके प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी। आरोप लगाया कि तीन माह से वेतन नहीं मिला है। इसकी वजह से परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार वेतन दिलाने की मांग करते हुए ज्ञापन भी दे चुके हैं मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

सुबह करीब 11 बजे पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य पहुंचे और कर्मचारियों के साथ प्राचार्य कार्यालय पर धरने पर बैठ गए। आरोप लगाया कि कागजों पर ठेका के करीब 850 कर्मी कार्यरत हैं। मिलीभगत के चलते बमुश्किल 350 कर्मी काम कर रहे हैं। वहीं, दोपहर करीब 12 बजे भाजपा के महानगर अध्यक्ष हेमंत परिहार और भाजयुमो जिलाध्यक्ष अमित सिंह जादौन मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उन्होंने एजेंसी के अधिकारियों से फोन पर बात करके जल्द से जल्द वेतन दिलाने का भरोसा दिया। कुछ देर में सांसद अनुराग शर्मा भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे और जल्द से जल्द वेतन दिलवाने का आश्वासन दिया। दोपहर करीब तीन बजे मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो दिन में वेतन भुगतान करवाने का आश्वासन दिया। तब आंदोलित कर्मी काम पर लौटे।

0- ये कहा आंदोलित महिलाओं ने

तीन माह से वेतन नहीं मिला है, जिसकी वजह से काफी दिक्कत हो रही है। परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। – ममता साहू

कई बार अधिकारियों से वेतन के लिए कहा जा चुका है मगर सिर्फ आश्वासन के कुछ नहीं हो रहा है। ऐसे में आर्थिक संकट हो गया है। – ममता अहिरवार

कड़ी मेहनत करके 8013 रुपये वेतन मिलता है, वह भी तीन माह से नहीं मिला। ऐसे में परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो गया है। – सबीना

परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नौकरी कर रहे हैं, वह तीन माह से वेतन नहीं मिलने से मुश्किल हो गया है। – साधना

0- ये बोले जिम्मेदार

करीब आधा-पौन घंटे हड़ताल की है। कागजों में ज्यादा कर्मियों के कार्यरत होने का आरोप गलत है। एक-एक कर्मी का डाटा क़ॉलेज प्रशासन के पास है। आंदोलित कर्मियों को दो दिन में वेतन मिल जाएगा। – डॉ. एनएस सेंगर, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज

वार्ड बाॅय, वार्ड आया और सफाईकर्मियों की हड़ताल में मेडिकल कॉलेज का काम काफी प्रभावित हुआ। ओपीडी, इमरजेंसी और वार्डों में गंदगी होना स्वभाविक है। दोपहर तीन बजे हड़ताल खत्म होने के बाद कर्मचारियों ने कामकाज शुरू कर दिया है। – डॉ. सचिन माहुर, सीएमएस



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *