रायबरेली। मंगलवार रात से हो रही बारिश ने जिले की बिजली व्यवस्था को बेपटरी कर दिया। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेेत्रों में कहीं आठ तो कहीं 10 घंटे बिजली गुल होने से लोग पानी को तरस गए। बारिश के दौरान जिले के अधिकांश फीडर बंद रहे। इससे सात लाख की आबादी को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह बिजली न होने से लोगों के दैनिक कामकाज प्रभावित हुए। हाल यह रहा कि कहीं पर बुधवार सुबह नौ बजे तो कहीं पर सुबह 11 बजे बिजली आई।
झमाझम बारिश से जिले की बिजली व्यवस्था चरमरा गई। जगतपुर उपखंड के अंतर्गत कैनाल फीडर तथा उमरी फीडर में मंगलवार रात एक बजे से बिजली कट गई और बुधवार सुबह नौ बजे आपूर्ति बहाल हो सकी। बिजली कटौती की वजह से लोगों को अंधेरे में रात गुजारनी पड़ी
अवर अभियंता चंद्रेश पटेल ने बताया है कि बरसात की वजह से बिजली कटौती की गई थी जैसे ही बरसात बंद हुई को आपूर्ति चालू कर दी गई। शहर में भी प्रगतिपुरम फीडर, आचार्य द्विवेदी नगर, इंदिरा नगर, फिरोज गांधी नगर फीडर की बिजली रात में तीन घंटे गुल रही। रात करीब एक बजे से लेकर सुबह चार बजे तक बिजली नहीं रही। बुधवार सुबह सात से नौ बजे तक कटौती रही। बारिश तेज होने से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी।
इसी तरह शिवगढ़,गदागंज, ऊंचाहार, सलोन, डलमऊ, खीरों, सरेनी में भी बिजली की संकट रहा। लोगों को रात एक बजे से सुबह 11 बजे तक बिजली नहीं मिली। अधीक्षण अभियंता विवेक सिंह ने बताया कि भारी बारिश के कारण आपूर्ति बंद की गई थी। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कटौती की गई थी। आपूर्ति बंद होने से लाइनों में फाल्ट की शिकायत नहीं आई।
तारों के टकराने से निकली चिंगारी व लपटे, भगदड़
बछरावां (रायबरेली)। क्षेत्र में बुधवार सुबह लगभग सात बजे के करीब रामपुर मजरे शेषपुर समोधा गांव में उस समय अफरातफरी मच गई, जब बिजली के पोल से तेज चिंगारियां व आग की लपटे निकलने लगीं। विशुनपुर राजामऊ मार्ग पर स्थित रामपुर गांव में सड़क किनारे एक बिजली के पोल पर अचानक तार ढीले होकर आपस में टकराने लगे और तेज चिंगारी व आग की लपटे निकलने लगी। इससे वहां भगदड़ मच गई। उपकेंद्र को सूचना देकर आपूर्ति बंद कराई गई।
करीब तीन घंटे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी। ग्रामीण रिंकू, मोहन, दीपू, सोहनलाल ने बताया कि कई बार शिकायतों के बाद भी विद्युत विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जेई राम नाथ ने बताया कि खंभे से गई एलटी लाइन में अचानक स्पार्किंग के वजह से दिक्कत आई थी। उसे बाद में सही कर दिया गया।