– सरकारी विभाग और कंपनी दोनों की होगी कमाई

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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। अब सरकारी दफ्तरों की खाली पड़ी छतों पर बिजली का उत्पादन होगा। कंपनियां दफ्तरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाएंगी। इसमें सरकारी विभागों को खर्च नहीं करना होगा। जबकि, इससे होने वाली आय में विभाग की हिस्सेदारी रहेगी। यह काम नेडा से अनुबंधित फर्म ही करेंगी।

योजना के मुताबिक नेडा से अनुबंधित फर्में सरकारी विभागों की छतों पर 25 किलोवाट से लेकर 2000 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगा सकेंगी। प्लांट लगाने का खर्च कंपनियां ही वहन करेंगी। विभागों का एक पैसा भी नहीं लगेगा। साथ ही प्लांट लगाने के बाद 25 साल तक इसकी रखरखाव की जिम्मेदारी भी कंपनियों की रहेगी।

कंपनियां उत्पादित होने वाली बिजली ग्रिड में भेजेंगी। इसके एवज में कंपनियों को 25 से लेकर 200 किलोवाट तक के सोलर प्लांट पर 4.90 रुपये प्रति यूनिट मिलेगा। जबकि, 200 से 2000 किलोवाट तक उन्हें प्रति यूनिट 4.85 रुपये मिलेंगे। इसके अलावा विभाग को भी लगभग तीन रुपये प्रति यूनिट पर मिलेंगे, जो उसके बिजल बिल में समायोजित किए जाएंगे। इससे विभागों का बिजली पर होने वाला खर्च भी बचेगा।

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844 घरों में पैदा हो रही 15 हजार यूनिट बिजली

बुंदेलखंड का वातावरण सोलर प्लांटों के लिए उपयुक्त माना गया है। यही वजह है कि यहां एक के बाद एक सोलर प्लांट स्थापित हो रहे हैं। इसके अलावा घर की छतों पर भी लगातार सोलर प्लांट लग रहे हैं। झांसी में 844 घरों पर 3209 किलोवाट की क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित हो चुके हैं, जिनसे रोजाना 15 हजार से अधिक यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है।

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सरकारी दफ्तरों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने का काम नेडा से अनुबंधित फर्मों को ही दिया जाएगा। इसमें विभाग को निवेश नहीं करना होगा। सारा खर्च कंपनियां वहन करेंगी। सरकारी दफ्तरों की छतों पर 25 से 2000 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। – वीके जैन, परियोजना अधिकारी, नेडा



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