{“_id”:”67ae1046024d8801c20e3b31″,”slug”:”elephant-manu-being-treated-in-elephant-hospital-2025-02-13″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”UP: ‘मनु’ को नई जिंदगी देने की कोशिश, शरीर पर गहरे घाव और सूजन; हाथी अस्पताल में ऐसे चल रहा इलाज”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
हाथी मनु। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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मथुरा के फरह में वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम मऊ से 58 वर्षीय गंभीर रूप से घायल, बीमार, सूजन और घावों से पीड़ित हाथी मनु को लेकर चुरमुरा स्थित हाथी अस्पताल पहुंची। यहां उसका उपचार चल रहा है।
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मऊ के प्रभागीय वन अधिकारी की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची तो हाथी की स्थिति बेहतर नहीं थी। हाथी नेत्र दिव्यांग भी है। मौके पर विविध दवाओं के माध्यम से उपचार किया। चोटों का आकलन करने के लिए लेजर थेरेपी, आयुर्वेदिक उपचार के साथ गर्म सिंकाई और थर्मल इमेजिंग भी की गई।
हाथी के आगे पैर के जोड़ आदि स्थानों पर सूजन का पता चला। लंबे समय तक लेटे रहने के कारण शरीर पर घाव भी हो गए थे। कुछ सुधार के बाद मनु को क्रेन के सहारे खड़े होने में कामयाबी मिली तो उसे बेहतर उपचार के लिए हाथी अस्पताल लाया गया। इससे पूर्व राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अनुमति ली गई।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण व सचिव गीता शेषमणि ने कहा कि मनु की हालत पूरे भारत में हाथियों द्वारा सहन की जाने वाली लापरवाही और पीड़ा के चक्र को समाप्त करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। 2030 तक ऐसे 300 हाथियों को बचाने के हमारे अभियान के माध्यम से हमारा लक्ष्य उन्हें वह देखभाल और सम्मान प्रदान करना है, जिसके वे हकदार हैं, ताकि उनका शोषण से मुक्त भविष्य सुनिश्चित हो सके।