
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
– फोटो : अमर उजाला
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय परिसर में चार दिन पहले रजिस्ट्रार कार्यालय के कर्मचारी भाइयों पर हुई फायरिंग में जख्मी नदीम की 28 जुलाई को मौत हो गई। दोनों भाइयों का जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था। दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद नदीम का शव परिवार को सौंप दिया गया है। वहीं, नदीम के बेटे ने पुलिस पर आरोपी तालिब को बचाने का आरोप लगाया है।
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घटना 24 जुलाई सुबह की है। एएमयू की मेडिकल कॉलोनी में रहने वाले सगे भाई नदीम महमूद व कलीम महमूद स्कूटी से ड्यूटी जा रहे थे। मिंटोई चौराहे के पास घात लगाए शूटरों ने फायरिंग कर दी थी। नदीम के पेट व जांघ में गोली लगी थी, जबकि कलीम के सिर को जख्मी करते हुए गोली निकल गई थी। इस दौरान दो शूटर रहीम व जुनैद को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था।
घायलों का जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा था। रविवार को नदीम को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया है। इधर, इस मामले में एक दिन पहले पुलिस एक और आरोपी को जेल भेज चुकी है। पिता की मौत पर नदीम के बेटे अबू सीना ने कहा कि हमारी रंजिश चल रही है। पुलिस ने बहन से जुड़े पहले मुकदमे में मुख्य आरोपी तालिब को बचाया था। दूसरे मुकदमे में जब पिता पर हमला हुआ, तभी उसे बचाया था। पता नहीं, पुलिस का तालिब से क्या रिश्ता है।
सीसीटीवी फुटेज के अनुसार मौके पर पांच से अधिक लोग थे। उनमें तालिब को भी पहचाना गया है। मगर अभी तक पकड़ा नहीं गया है। अब तो हमारे पिता की मौत हो गई। पुलिस कम से कम तालिब व बाकी को पकड़कर जेल भेजे। वहीं, एएमयू कर्मचारी नेताओं ने परिसर में बाहरियों के प्रवेश पर रोक की मांग उठाई है। सीओ तृतीय एएसपी अमृत जैन ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि बाकी आरोपियों की तलाश का काम जारी है। जल्द सभी की गिरफ्तारी होगी।