
देवेश शाक्य और राजवीर सिंह उर्फ राजू भैया
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एटा लोकसभा सीट पर 10 साल के कार्यकाल का मिथक भाजपा के राजवीर सिंह पर भी भारी पड़ा। आखिर उन्हें भी पूर्व के सांसदों की तरह अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई। एटा लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने परंपरा के रूप में चल रहे मिथक को इस बार भी कायम रखा।
शुरूआती दौर से देखा जाए तो कांग्रेस के वर्चस्व के दरम्यान ही इस परंपरा ने रूप लेना शुरू किया था। 1951-52 के बाद 1957 का चुनाव तो कांग्रेस ने जीता। इस तरह 10 साल का कार्यकाल रोहनलाल चतुर्वेदी ने सांसद के रूप में पूरा किया। लेकिन 1962 में जब तीसरा लोकसभा चुनाव हुआ तो कांग्रेस व रोहनलाल को जनता ने नकार दिया।
