रात लगभग साढ़े 12 बज रहा था। रायबरेली से नई दिल्ली के लिए सवारियां लेकर चली स्लीपर एसी बस में हर कोई अपनी सीट पर आराम कर रहा था। कोई मोबाइल चलाकर सोने के मूड में था तो कोई सुकून से सो रहा था।
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रात लगभग साढ़े 12 बज रहा था। रायबरेली से नई दिल्ली के लिए सवारियां लेकर चली स्लीपर एसी बस में हर कोई अपनी सीट पर आराम कर रहा था। कोई मोबाइल चलाकर सोने के मूड में था तो कोई सुकून से सो रहा था।
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