यूपी के इटावा में हुए सामूहिक हत्याकांड में नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हत्याकांड को अंजाम देने वाले परिवार के मुखिया और कारोबारी मुकेश वर्मा ने भले ही पत्नी और बच्चों की हत्या सोमवार सुबह की हो, लेकिन उसने अपना इरादा रविवार को ही पक्का कर लिया था। यही वजह थी कि जब बड़ी बेटी भाव्या ने रविवार को दिल्ली लौटने की बात कही तो मुकेश ने उसे बहाने से रोक लिया था।

बता दें कि मुकेश की दो शादियां हुई थी। पहली शादी झांसी निवासी नीतू से 2003 में हुई थी। नीतू से एक साल बाद बेटी भाव्या (20) का जन्म हुआ था। 2005 में नीतू की मौत के बाद मुकेश ने 2006 में राखी से शादी की थी। 




राखी से दो बच्चे काव्या और अभीष्ट थे। मुकेश ने बड़ी बेटी भाव्या का दो साल पहले दिल्ली विवि. में बीकॉम के लिए दाखिला कराया था। वह दिवाली से पहले घर आई थी। रविवार को भाव्या ने दिल्ली लौटना तय किया था, लेकिन मुकेश ने उसे जाने से रोक लिया। कहा कि हम सब भी साथ चलेंगे। सुबह होते ही मुकेश ने तीनों बच्चों को नींद की गोलियां खिला दी।


आधी अधूरी नींद के बीच भाव्या ने जब पापा से मिली गोलियां खाई तो उसे कुछ उलझन सी महसूस हुई थी। मुकेश ने बताया कि भाव्या ने उससे पूछा भी था पापा कौन सी गोली खिलाई हैं, बहुत दिक्कत हो रही है। इस पर मुकेश ने कहा परेशान न हो बेटा अभी आराम मिल जाएगा। बस इसके कुछ क्षणों बाद ही भाव्या की सांसें थम गईं।


नीतू की मौत से मिला था नींद की गोलियों का हथियार 

सराफा मुकेश की की दो शादियां हुई थीं। पहली पत्नी नीतू को शादी के बाद ही कैंसर हो गया था। नीतू को जब भी तेज दर्द होता था तो वह उसे नींद की गोलियां देकर सुला देता था। मुकेश ने बताया कि आखिरी बार जब नीतू बेहद तकलीफ में थी तो उसने कुछ ज्यादा ही गोलियां उसे खाने के लिए दी थी। इससे नीतू की मौत हो गई थी। 


इसके बाद उसे पता चला कि नींद की अधिक गोलियां खाने से किसी की मौत भी हो सकती है। बस, पत्नी राखी और तीनों बच्चों को जान से मारने के लिए यही हथियार उसे ठीक लगा और उसने बारी-बारी सभी को बड़ी मात्रा में नींद की गोलियां देकर मरणासन्न कर दिया। इसके बाद एक-एक कर सभी को मौत के घाट उतार दिया। 




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