इटावा। सिंचाई विभाग की ओर से माइनरों और रजबहों की सिल्ट सफाई में खानापूरी की गई है। विभाग की नजर में सभी रजबहों और माइनरों की सफाई का कार्य पूरा कर लिया गया है, लेकिन जिले में कई जगह विभाग का सफाई अभियान पहुंच नहीं पाया है। गेहूं की बुआई हुए 20 दिन से अधिक का समय बीत गया है। अब फसल को पानी की जरूरत है। ऐसे में अगले सप्ताह विभाग पानी छोड़ने का दावा कर रहा है, लेकिन साफ-सफाई पर लाखों रुपये का बजट खर्च होने के बावजूद अभी तक रजबहों और माइनरों में गंदगी पसरी हुई है। रजबहों और माइनरों की सफाई की पड़ताल करती पेश हैं यह रिपोर्ट।

दृश्य-1: रजबहा की सफाई में जगह-जगह छोड़ दी सिल्ट

ताखा। ब्लॉक क्षेत्र के गांगसी और वासक रजबहा की सफाई में भी जमकर लापरवाही बरती गई है। सफाई के चक्कर में गांगसी रजबहा को टेड़ामेड़ा कर दिया गया । कर्मचारियों ने जगह-जगह सिल्ट को छोड़कर खानापूर्ति कर दी। किसान राजबहादुर का कहना है कि अब पानी छोड़े जाने का समय है, सफाई जितनी होनी थी हो चुकी पर किसानों को क्या फायदा होगा यह वक्त बताएगा।

दृश्य-2: गंदगी से पटा बसरेहर का बिलंदा रजबहा

बसरेहर। कस्बा से निकले बिलंदा रजबहा से 50 से अधिक गांव के किसान सिंचाई करते है। जगह-जगह पर सिंचाई विभाग ने सफाई तो कराई गई लेकिन कस्बा बसरेहर में स्थित पुलिया के आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ है। किसानों को चिंता है कि सही ढंग से सफाई न होने से टेल तक पानी पहुंचाने में परेशानी होगी। इससे जहां सिंचाई कार्य में असुविधा होगी वहीं फसल को भी नुकसान होगा।

दृश्य-3: दस से अधिक गांवों के किसान होंगे परेशान

जसवंतनगर। क्षेत्र के ग्राम जगोरा से गारमपुरा के बीच चार किमी के माइनर की साफ-सफाई में खानापूर्ति की गई। इसमें गंदगी व मिट्टी के साथ बड़ी-बड़ी घास खड़ी है। इस माइनर से अंडावली , भीखनपुर , सिरहोल और जगसौरा सहित आसपास के दस से अधिक गांवों के किसान अपने फसलों की सिंचाई करते हैं।

वर्जन

माइनर और रजबहा की सफाई के लिए शत-प्रतिशत बजट मिला था। सफाई का कार्य पूरा करवा दिया गया है। जिस जगह सफाई नहीं हुई है या फिर लापरवाही बरती गई है उसको दिखवाया जाएगा। -विजय श्रीवास्तव, अधीक्षण अभियंता सिंचाई विभाग।



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