सैफई। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय एवं आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप एवं नवाचार केंद्र ने स्वास्थ्य सुविधाओं में नवाचार एवं आधुनिक प्रयोग के लिए साथ मिलकर काम करने की घोषणा की है। दोनों संस्थान मिलकर स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े बदलाव के लिए ऐसे चिकित्सा उपकरण तैयार करेंगे, जो विभिन्न रोगों के उपचार में मददगार साबित होंगे।

सैफई विवि के कुलपति प्रो./डॉ. प्रभात सिंह व आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इंक्यूबेशन एवं इनोवेशन सेंटर (एसआइआइसी) प्रभारी प्रो. अंकुश शर्मा ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। सैफई विवि के कुलपति प्रोफेसर डॉ. प्रभात कुमार सिंह ने कहा अनुसंधान और हैंड्स-ऑन मेडिकल दक्षता के मेल का परिचायक है। यह साझा प्रयास स्वास्थ्य समाधानों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके दूर-दूर तक पहुंचने वाले प्रभाव हो सकते हैं। हम संयुक्त प्रयासों के माध्यम से उन नवप्रवर्तन को प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं, जो स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक प्रभाव बना सकते हैं।

आईआईटी कानपुर के प्रो. अंकुश शर्मा ने कहा कि हमारा सहयोग एक असाधारण यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है, जहां संयुक्त समर्पण हमें स्वास्थ्य नवप्रवर्तन को क्रांतिकारी रूप से प्रस्तुत करने की स्थिति में रखता है। इससे जरूरतमंद चिकित्सा आवश्यकताओं का सफल उपयोग हो सकता है। यह सहयोग विशेषज्ञता मिलने से उत्पन्न होने वाली संभावना का प्रतीक है, जो भविष्य के स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई योजनाओं के लिए आधार बना देता है। हस्ताक्षर के समय अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों में पीयूष मिश्रा, आईआईटी कानपुर के मुख्य कार्यवाहक और वित्तीय अधिकारी जतिन मिश्रा, मैनेजर सीआईआईसी, आईआईटी कानपुर प्रोफेसर डॉ. ऊषा शुक्ला, फैकल्टी ऑफ मेडिसिन, यूपीयूएमएस प्रोफेसर डॉ. चंद्रवीर सिंह, रजिस्ट्रार यूपीयूएमएस तथा सेंटर ऑफ इनोवेशन, इंक्यूबेशन और एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईआईई) कमेटी, यूपीयूएमएस के सदस्य उपस्थित थे।



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