इटावा/जसवंतनगर। तीन साल पहले गुम हुई बेटी की आस में तीन साल बीत गए। गांव से चार सौ मीटर दूर छह दिन बाद ही मिले क्षत विक्षत शव को बेटी का शव मानकर उसके अंतिम संस्कार की आस में इंतजार कर रहे परिजनों को डीएनए रिपोर्ट ने भी झटका दे दिया है। लखनऊ प्रयोगशाला से आई डीएनए रिपोर्ट में बेटी न होने की पुष्टि हुई है। इससे जहां परिजन परेशान हैं। वहीं, तीन सालों से अपनों का इंतजार कर रहा शव अभी भी पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा हुआ है।
जसवंतनगर के गांव चक सलेमपुर निवासी कुंवर सिंह की 23 वर्षीय बेटी रीता उर्फ मोनी 19 सितंबर 2020 को गायब हो गई थी। इस संबंध में युवती की मां भगवान देवी ने कोतवाली में 22 सितंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई थी। 26 सितंबर को घर से लगभग चार सौ मीटर दूर मक्के के खेत में एक क्षत विक्षत शव मिलने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। परिजनों ने अंगूठी, कपड़े आदि से उसकी शिनाख्त मोनी के रूप में की थी।
पोस्टमार्टम होने के बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन शिनाख्त न हो पाने की वजह से पुलिस की जांच अधूरी रह रही थी। मां भगवान देवी ने कोर्ट से गुहार लगाकर 2022 में गांव के ही चार लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने शव की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच की प्रक्रिया शुरू कराई। इस बीच शव को पोस्टमार्टम हाउस के डीप फ्रीजर में रखा दिया था।
26 मार्च 2022 को आई डीएनए रिपोर्ट में स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। इस पर 18 अगस्त 2022 नमूना लेकर फिर भेजा गया। इसकी रिपोर्ट के इंतजार में ही लगभग 11 माह बीत गए। 10 जुलाई 2023 को आई रिपोर्ट ने तीन साल से बेटी के अंतिम संस्कार की आस लिए बैठे परिजनों को झटका लगा। डीएनए रिपोर्ट में दंपती के बेटी नहीं होने की पुष्टि हुई। ऐसे में अब पुलिस शव अपनों की आस में पोस्टमार्टम हाउस में ही इंतजार है।
रीता के भाई ने बात करते हुए कहा कि वह उनकी ही बहन का शव है। उन्हें यकीन नहीं हो रहा है कि यह रिपोर्ट कैसे आ गई। बोले- वह कोर्ट में अर्जी लगाकर अन्य प्रदेश की लैबों से जांच कराने की मांग करेंगे। अगर उनकी बहन का शव नहीं है तो फिर उनकी बहन है कहां पुलिस अभी तक यह भी जवाब नहीं दे सकी है।
सीओ जसवंतनगर अतुल प्रधान ने बताया कि शव की शिनाख्त के लिए डीएनए जांच कराई गई थी। इसमें चक सलेमपुर की भगवान देवी और उनके पति की बाइलॉजिकल संतान नहीं होने की पुष्टि हुई है। अब उनकी बेटी तलाश के साथ ही शव की शिनाख्त के भी प्रयास कराए जा रहे हैं। शव तीन साल से इसी वजह से पोस्टमार्टम हाउस में रखा हुआ है।