इटावा। इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी रविवार से शुरू हो रही है। 10 दिसंबर की शाम चार बजे जिलाधिकारी अवनीश राय शुभारंभ करेंगे। शनिवार को चारों ओर अंतिम दौर की तैयारियां चल रही थीं। पंडाल में आयोजित होने वाले मंचीय कार्यक्रम को लेकर इस बार 20 फीट लंबी और 10 फीट चौड़ी एलईडी लगाई गई है। इससे पंडाल में दूर तक बैठे दर्शक प्रस्तुत होने वाले कार्यक्रम स्पष्ट रूप से देख सकेंगे।
शनिवार को पंडाल में कमियों को दूर करने और सजाने के लिए कारीगर लगे रहे। मनोरंजन स्थल पर लगभग बड़े झूले लग चुके, जबकि अन्य आइटम लगाने का कार्य चल रहा है। राज सर्कस का सामान भी मुजफ्फर नगर से नुमाइश मैदान पर आने लगा है। पहला ट्रक शनिवार को सामान लेकर पहुंचा। 15 दिसंबर तक सर्कस के शुरू होने की संभावना है। सर्कस से इटावा महोत्सव एवं प्रदर्शनी की शान और बढ़ जाती है। लिहाजा अधिकारी भी सर्कस को अपने प्रयास से लगातार दो साल से बुलवा रहे हैं।
फव्वारा को और भी ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए पेंटर रंगाई कार्य करने और इलेक्ट्रिशियन एलईडी लाइटों के बोर्ड लगाने में लगे रहे। फव्वारा परिसर के चारों और महापुरुषों की प्रतिमाओं पर भी लाइटें लगाई जा चुकीं हैं। फव्वारा के बाद विकास प्रदर्शनी के प्रति दर्शक ज्यादा आकर्षित होते हैं। विकास प्रदर्शनी में भूमि संरक्षण एवं कृषि विभाग के कर्मचारी काम में लगे रहे। यहां अन्य संस्थाओं के स्टॉल तो लगते हैं, साथ ही हस्त निर्मित आइटमों की प्रदर्शनी भी लोग एक महीने के लिए लगाते हैं। सर्वश्रेष्ठ आइटमों को समापन के दिन प्रमाण पत्र देकर जिलाधिकारी पुरस्कृत करते हैं। प्रदर्शनी देखने आने वाले दर्शक विकास प्रदर्शनी देखने जरूर जाते हैं। यह देखते हैं कि इसमें नया आइटम क्या है।
कच्चे परिसर में भूमि संरक्षण एवं कृषि विभाग के कर्मचारी और अधिकारी जल संरक्षण को लेकर एक ओर तालाब बनाने, बीहड़, बड़े बांध बनाने में लगे रहे। विभागाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि तालाब के जरिए यह संदेश देना है कि तालाब खुदवाकर घटते भूजल को कम करना। तालाब भरने पर मत्स्य पालन के जरिए आय भी बढ़ा सकते हैं।
प्रदर्शनी में सोफ्टी दर्शकों में काफी लोकप्रिय है और नुमाइश देखने आने वाले दर्शक कोन समेत सोफ्टी खाने का आनंद जरूर लेते हैं। इसके अलावा खजला और नानखटाई काफी प्रसिद्ध है और इनकी ज्यादातर दुकानें नुमाइश शुरू होने से पहले लग जाती हैं।