संवाद न्यूज एजेंसी, इटावा

Updated Sat, 05 Aug 2023 11:41 PM IST

इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर दस) यज्ञेश चंद्र पांडे ने दो साल पुराने बेटी की गला दबाकर हत्या के मामले में मां को दोषी पाया। इस पर कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उस पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि वैदपुरा थाना क्षेत्र के गांव उमरई निवासी अनिल कुमार ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी निर्मला देवी छोटी बेटी काजल के साथ 28 अगस्त 2021 को दवा लेने के लिए गई थी। वह काम करने के लिए इटगांव गया था। उसकी बड़ी बेटी प्रियंका घर पर अकेली रह गई थी। दवा लेकर पत्नी उसके पास पहुंची तो वह उसे छोड़ने के लिए अपने घर गया। जब वह घर पहुंचा तो देखा कि गांव का ही राज कुमार उसके घर से निकल रहा था। उन्हें देखकर वह भाग निकला। जब उसने घर में देखा तो उसकी बड़ी बेटी साड़ी के फंदे से लटकी थी। उसने उसे नीचे उतारा, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। अनिल कुमार की तहरीर पर पुलिस ने राज कुमार व उसके साथियों के खिलाफ हत्या की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया।

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने छानबीन की। इसमें राजकुमार की नामजदगी झूठी पाई गई। छानबीन में मां निर्मला का नाम प्रकाश में आया। पुलिस ने निर्मला के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिए। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (कोर्ट नंबर दस) में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने मां निर्मला देवी को दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। उस पर पांच हजार का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा।



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