बकेवर। शुरुआत में जरूरत से अधिक बारिश और आखिरी में आधी से भी कम बारिश खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। दो दिन में मात्र हल्की-फुल्की बूंदाबांदी हुई।किसान धान व बाजरा की पैदावार पर विपरीत असर पड़ने की आशंका जता रहे हैं।

खरीफ की मुख्य फसल के रूप में धान और बाजरा की फसल इस जनपद में किसान उगाते हैं। जनपद के आठ ब्लाकों में से चकरनगर व बढ़पुरा ब्लाक को छोड़कर शेष ब्लाकों महेवा, भरथना, ताखा, सैफई, जसवंतनगर, बसरेहर में 70 से 80 फीसदी जमीन में धान की फसल उगाई जाती है। शेष में बाजरा व मोटे अनाज आदि की फसल की जाती है। खरीफ की फसलों की अच्छी पैदवार होना काफी हद तक प्राकृतिक बारिश पर ही निर्भर रहती है। यूं तो सिंचित क्षेत्र में नहर व रजबहों से सिंचाई की जाती है, लेकिन किसानों के अनुसार प्रकृति की बारिश से जो सिंचाई होती है वह फसलों के लिए ज्यादा लाभदायक होती है। इस बार जून, जुलाई के महीनों में जहां बारिश की आवश्यकता 236 एमएम थी, वहां बारिश 270 हुई। वहीं अगस्त महीने में 230 मिमी बारिश की जरूरत के सापेक्ष मात्र 108 मिमी ही बारिश हुई है। जो आधी से भी कम है। सितंबर माह में भी कम बारिश के आसार दिख रहे हैं। ऐसे में किसान खरीफ की धान और बाजार की फसल की अच्छी पैदावार को लेकर काफी चिंतित हैं।

उपनिदेशक कृषि डॉॅ. आरएन सिंह ने बताया अगस्त माह में मात्र 44 फीसदी ही बारिश हुई है। अगस्त माह में 230 मिमी बारिश के सापेक्ष मात्र 108 मिमी बारिश जनपद में हुई है। जून जुलाई में जरूर 120 फीसदी बारिश हुई थी। बारिश की इस समय धान व बाजरा दोनों फसलों के लिए बेहद आवश्यकता है। सितंबर का एक सप्ताह बीत गया। अभी मात्र दो दिन बूंदाबांदी हुई है। पूरे प्रदेश में 60 जनपद हैं। जिनमें 40 फीसदी से कम बारिश हुई है। उनमें इटावा भी है।

किसानों की बात

ग्राम बिजौली निवासी किसान दिलीप दीक्षित कहते हैं कि बारिश की यहीं स्थिति रही तो धान की पैदावार पर सबसे अधिक विपरीत असर पड़ेगा। रोपाई के समय ही बारिश अच्छी हो गई थी। इससे किसानों ने धान की रोपाई व बाजरा की बुआई कर ली थी। अब बारिश नहीं हो रही है। इससे फसलों को नुकसान होगा। ग्राम कुड़रिया निवासी किसान आनंद स्वरूप कहते हैं कि बारिश न होने से धान का पौधा अच्छी वृद्धि नहीं करते दिख रहा है। इसका विपरीत असर पैदावार पर पड़ेगा। पैदावार कम होने की संभावना है। अगर सितंबर महीने में बारिश नहीं हुई तो और भी विकट स्थिति हो सकती है।



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