इटावा। पुलिसकर्मी किशोरों से संबंधित मामलों को गंभीरता से लें और जागरूक बनें। इसके लिए लगातार ज्ञानार्जन करते रहें तथा अपने दायित्वों का सही से निर्वहन करें। यह बात एसपी क्राइम सुबोध गौतम ने किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत सोमवार को पुलिस लाइन सभागार में किशोर न्याय अधिनियम विषय पर हुई बैठक में कही।

उन्होंने कहा कि कानून में संशोधन होते रहते हैं, जिनसे अपडेट रहना बहुत जरूरी है। उन्होंने संबंधित थानों से आए सब इंस्पेक्टर व महिला पुलिसकर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। बाल संरक्षण अधिकारी सोहन गुप्ता ने कहा कि बालकों के अपराध किए जाने पर उनके साथ अन्य अपराधियों जैसा व्यवहार न किया जाए। उन्हें किशोर न्याय बोर्ड में बिना वर्दी पहने ही पेश करें और प्रारूप एक भी भरकर ले जाएं। कहा कि लावारिस भीख मांगने वाले व विभिन्न स्थलों पर मजदूरी करने वाले देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को चिन्हित कर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करें। बताया कि स्पांसरशिप योजना के अंतर्गत जनपद के 100 पात्र बच्चों को चिह्नित कर चार हजार रुपये महीने के हिसाब से लाभान्वित कराया जाएगा।

बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीप नारायण शुक्ला ने कहा कि जेजे एक्ट का सही अनुपालन हो इसके लिए बाल कल्याण पुलिस अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति एवं विशेष किशोर पुलिस इकाई की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। सामाजिक कार्यकर्ता प्रेम कुमार शाक्य, एएचटीयू प्रभारी इंस्पेक्टर विजय कुमार पांडेय, उप निरीक्षक सत्य प्रकाश, खुर्शीद अहमद, रमाकांत सिंह, जसवंत सिंह, बृजेश कुमार सिंह, राजेंद्र सिंह, संजय यादव आदि उपस्थित रहे।



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