बसरेहर। कस्बा स्थित मस्जिद के पास घर में खेल रहा तीन वर्षीय मासूम बालक कूलर में आ रहे करंट की चपेट में आकर बेहोश हो गया। परिजन बेहोशी की हालत में मासूम को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसने दम तोड़ दिया।

रविवार सुबह करीब नौ बजे विनायक उर्फ वंशु (03) पुत्र अंकुर दुबे छत पर बने कमरे के बाहर खेल रहा था। तभी वहां लगे हुए कूलर को उसने छू लिया और उसमें चिपक गया। उसके साथ खेल रहे चचेरे भाई कार्तिक ने उसे जैसे ही छुआ करंट ने उसे भी झटका मारकर फेंक दिया और वह चीखने लगा। कार्तिक की चीख सुनकर परिजन दौड़कर छत पर आए तत्काल बेहोश मासूम को सीएचसी लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में डॉक्टर ने वंशु को मृत घोषित कर दिया। परिजन बिना पोस्टमार्टम के शव को अपने साथ ले गए।

…जर्जर न होती सड़क तो शायद बच जाता वंशु

सीएचसी से तत्काल मासूम वंशु को एंबुलेंस से जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया, लेकिन इटावा-बरेली हाईवे पर हो रहे निर्माण के कारण पूरी सड़क उखड़ी पड़ी है। अभी तक वहां कोई भी काम नहीं किया गया। इस कारण जहां 10 मिनट के रास्ते के स्थान पर जिला अस्पताल तक पहुंचने में एंबुलेंस को करीब 40 मिनट लग गए। जब जिला अस्पताल में डॉक्टर ने मासूम को देखा तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। डॉ. श्याम मोहन ने बताया कि 20 मिनट पहले अगर बच्चे को लेकर परिजन आ जाते तो शायद जान बच सकती थी।

मेरे वंशु को कुछ नहीं हुआ, सो रहा है…

जिला अस्पताल से वंशु का शव लेकर जैसे ही पिता अंकुर घर पर पहुंचा तो चीख पुकार मच गई। मां रुचि वंशु के शव को सीने से लगाकर बैठ गई। उसे विश्वास ही नहीं हुआ कि उसका कलेजे का टुकड़ा अब इस दुनिया में नहीं रहा। बेटे के सिर पर हाथ फेरकर रुचि बार-बार यही कहती रही कि वह सो रहा है। उसे कुछ नहीं हुआ। वहीं, रुचि के साथ बैठीं अन्य महिलाओं को भी अहसास हुआ कि वंशु की सांसें चल रही हैं। परिजन दोबारा बच्चे के शव को लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने समझाया कि वंशु की मौत हो चुकी है। परिजन मायूस होकर घर लौट गए।



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