इटावा। गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चौदस तक दस दिन तक प्रथम पूज्य देवता की भक्ति में सुबह- शाम लीन रहने के बाद गुरुवार को श्रद्धालुओं ने बप्पा की गाजे बाजे के साथ पूजा पंडालों से विदाई की। नहरों में विसर्जन के लिए पहुंचे तो जयकारों के साथ प्रतिमा का विसर्जन किया। श्रद्धालु गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष तू जल्दी आना के जयकारे लगा रहे थे।

शहर में कालीबाड़ी मंदिर से झांकियों के साथ गणेश प्रतिमा की शोभायात्रा निकली। जिसमें हनुमान जी, शंकर जी व दुर्गा जी की आरती शामिल थी। आयोजक स्वामी सुबोधानंद महाराज ने गणेश प्रतिमा की आरती की। इसके बाद शोभायात्रा शहर भ्रमण को रवाना हुई। छैराहा, कुंज, कोतवाली चौराहा,नौरंगाबाद चौराहा, नया शहर होते हुए वापस कालीबाड़ी मंदिर पहुंची। जहां प्रतिमा का भूमि विसर्जन किया गया।

इसके अलावा शहर के कई मोहल्लों से गणेश प्रतिमाओं की विसर्जन यात्रा निकली। कुछ ने दतावली नहर, इकदिल नहर व यमुना जी में विसर्जन किया। सभी स्थानों पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात रही। पुरविया टोला, पक्का तालाब, जटपुरा, एसडी फील्ड समेत शहर के कई अन्य मोहल्लों से श्रद्धालु भक्ति गीतों पर थिरकते हुए और रंग व गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। शहर से लेकर गांव के विसर्जन स्थल पर काफी भीड़ रही। सुरक्षा की दृष्टि के मद्देनजर पुलिस कर्मी गोताखोर के साथ पैनी निगाह बनाए रही।

भरथना प्रतिनिधि के अनुसार, गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन बाहरपुर नहर में किया गया। आजाद रोड स्थित मंदिर दानसहाय परिसर से श्री गणेश महोत्सव युवा समिति के पदाधिकारी गणेश प्रतिमा को लेकर विसर्जन करने गए। इस दौरान उपजिलाधिकारी कुमार सत्यम जीत, नायब तहसीलदार सम्पूर्ण कुलश्रेष्ठ, प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह राठी मौजूद रहे।

इकदिल प्रतिनिधि के अनुसार, कांकरपुर नहर पुल स्थित नहर में गणेश प्रतिमा का विसर्जन किया गया। विसर्जन यात्रा में श्रद्धालु नाचते गाते और रंग और गुलाल उड़ाते हुए चल रहे थे। गणपति बप्पा मोरया के उद्घोष के बीच प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।



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