जसवंतनगर। रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों ने फिर से मनमानी शुरू कर दी है। कस्बे के चौराहे से यात्री बैठाने और उन्हें वहीं छोड़ने के अधिकारियों के आदेशों को दरकिनार कर बस के चालक-परिचालकों ने हाईवे पर ही सवारियां उतारना और लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है। ऐसे में यात्रियों को कस्बे से आधे किलोमीटर दूर नेशनल हाईवे पर बस पकड़ने जाना पड़ता है।
नेशनल हाईवे पर इटावा और आगरा के बीच स्थित जसवंतनगर एक महत्वपूर्ण कस्बा होते हुए भी रोडवेज बसों के चालक-परिचालकों की मनमानी से लोग परेशान हैं। 40 हजार की नगरीय और कुल मिलाकर ग्रामीण क्षेत्र सहित एक लाख से ज्यादा आबादी वाले जसवंतनगर से रोडवेज बसें आदेशों के बावजूद बिना कस्बे में घुसे नेशनल हाईवे के फ्लाईओवर से फर्राटा भरकर निकल जाती हैं।
हाईवे पर ओवर ब्रिज नगर के बस स्टैंड चौराहे से पूर्वी ओर करीब 500 मीटर दूर शुरू होता है, जबकि पश्चिमी ओर भी यह इतनी ही दूरी पर खत्म होता है। इटावा और आगरा से आने जाने वाली सभी बसें इस ओवरब्रिज से फर्राटा भर कर निकल जाती हैं। जसवंतनगर कस्बे के लिए बने सर्विस रोड से नगर के यात्री घंटों इंतजार के बाद आधा किलोमीटर दूर बस पकड़ने जाने को मजबूर हैं। इटावा और आगरा से आने वाली यात्रियों को भी आधा किलोमीटर पहले उतार दिया जाता है।
टास्क फोर्स की कार्रवाइयों से रुकने लगीं थी बसें
कई बार रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक को जसवंतनगर के लोगों ने ज्ञापन दिया और शिकायती पत्र भी भेजे, लेकिन बस चालकों पर परिचालकों की मनमानी जारी है। रोडवेज अधिकारियों ने करीब आठ महीने के दौरान टास्क फोर्स बनाकर चेकिंग अभियान चलाया था। इसमें तब कस्बे के अंदर बसें न ले जाने वाले चालक और परिचालकों पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई थी। अन्य डिपो के चालक और परिचालक पर भी कार्रवाई के लिए उनके अधिकारियों को लिखा गया था, लेकिन यह अभियान रुकने के बाद फिर से वही रवैया शुरू हो गया।
लोगों की बात
मोहम्मद इरशाद निवासी निलोई का कहना कि वह फिरोजाबाद से आए थे। उन्होंने बताया कि आधा किलोमीटर पहले ही बस ने यहां उतार दिया है। बच्चे भी साथ थे। ऑटो पकड़कर घर जा रहे हैं। राकेश निवासी कचौरा घाट कहते हैं कि वह आगरा से बस से आए थे। बस चालक से काफी बार कहा कि नीचे से होकर जाए, लेकिन उसने मनमानी की और आधा दर्जन से ज्यादा सवारियों को बस स्टैंड से काफी दूरी पर उतार दिया।
वर्जन
सभी चालक-परिचालकों को आदेश है कि कस्बों के अंदर से होकर बसों को ले जाया जाए। यदि मनमानी की जा रही है तो टास्क फोर्स से निगरानी कराकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। -डीएम सक्सेना, एआरएम।