बकेवर। कस्बा स्थित 50 शैया अस्पताल में डॉक्टरों की लेटलतीफी और लापरवाही के कारण मरीजों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है। सुबह अस्पताल खुलने पर पहुंचे मरीज डॉक्टरों के न पहुंचने से मायूस होकर घर लौट जाते हैं। कई चिकित्सक दो से तीन दिन बाद ड्यूटी पर पहुंचते हैं। जबकि अस्पताल में हर रोज 250 से 300 मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं।
शासन ने क्षेत्रीय लोगों की सुविधाओं के लिए कई चिकित्सकों की नियुक्ति की थी। इससे लोगों को उपचार के लिए 20 से 40 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय नहीं भागना पड़ेगा, लेकिन डाक्टरों की लेटलतीफी लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर रही हैं। अस्पताल में दूरदराज से आने वाले मरीजों को इलाज के लिए चिकित्सकों के आने का इंतजार करना पड़ता है। यही नहीं कुछ गंभीर मरीज परेशान होकर मजबूरन निजी डाक्टर से अपना इलाज कराते हैं।
सोमवार को सुबह साढ़े नौ बजे 15 मरीज इलाज के लिए चिकित्सकों के आने का इंतजार कर रहे थे। सीएमएस डॉ. वीरेंद्र भारती अस्पताल में मौजूद थे। अन्य कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था। फार्मासिस्ट वीणा दवा के काउंटर पर कालेज के ट्रेनी फार्मेसी छात्रों के साथ मरीज को दवा देने के इंतजार में बैठीं नजर आईं। सुबह 9:52 पर एक चिकित्सक ने अस्पताल पहुंचकर 10:15 बजे से मरीजों को देखना शुरू किया। साढ़े दस बजे एक महिला चिकित्सक भी अस्पताल पहुंचीं। 11 बजे के करीब दो और चिकित्सक अस्पताल पहुंचे। फार्मासिस्ट वीणा, मनोज और लैब टेक्नीशियन विकास और स्टाफ नर्स वर्षा मौजूद रहीं।
मरीजों की बात
ग्राम बेरीखेड़ा से अपने चार वर्ष के पुत्र के साथ अस्पताल आईं महिला रानी देवी ने बताया कि नौ बजे अस्पताल आ गई थीं, लेकिन कोई चिकित्सक ही नहीं आए। एक घंटे से इंतजार कर रही हैं। लुधियानी निवासी वृद्धा नारायणी देवी ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे वह अस्पताल आ गई थी, लेकिन अस्पताल में कोई चिकित्सक ही नहीं आया। डेढ़ घंटे से इंतजार कर रही है।
वर्जन
सभी चिकित्सकों व पैरामेडीकल स्टॉफ को समय से ड्यूटी पर आने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाबजूद समय से नहीं आ रहे हैं। उनसे जवाब मांगकर कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. वीरेंद्र भारती, सीएमएस।