इटावा। 10 साल पहले शहर में शामिल होने के बावजूद अड्डा जालिम वार्ड के करीब छह मोहल्लों के लोगों को बिजली विभाग की ओर से शहरी जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं। मोहल्लों में छज्जों और बल्लियों पर झूल रहे जर्जर तार हादसों का सबब बने हुए हैं। वहीं, आए दिन होने वाले फॉल्टों की वजह से दिन में कई बार फीडर से ट्रिप लिए जाते हैं। ऐसे में करीब 10 हजार की आबादी परेशान है।

शहर का अड्डा जालिम वार्ड लगभग 10 साल पहले नगर पालिका में शामिल हो गया था। 10 सालों में यहां की आबादी भी बढ़ गई। शहरी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांवों के लोग यहां आकर बस गए। हालांकि आज भी इस वार्ड के मोहल्लों में रह रहे लोगों को शहर जैसी बिजली विभाग की सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं। बिजली विभाग की ओर से इन मोहल्लों में कनेक्शन भी दे दिए गए। यहां के बाशिंदे हर माह बिलों का भुगतान भी करते हैं। इसके बावजूद गली में जर्जर तारों से बिना खंभों के आपूर्ति चल रही है।

वार्ड के मोहल्ला शिवनगर, कुश कॉलोनी, पाल कॉलोनी, रणवीर नगर, विशाल कॉलोनी समेत करीब छह मोहल्लों में बल्लियों पर तार लटके हुए हैं। वहीं, जहां बल्लियां लगाने की जगह नहीं है वहां लोगों ने झूलते तारों को अपने घरों के छज्जों पर बांध दिया गया है। उलझे हुए झूलते तारों में थोड़ी सी हवा चलने या बारिश होने पर फॉल्ट हो जाता है। ऐसे में दिन में कई-कई बार आपूर्ति फीडर से बंद की जाती है। इससे फीडर संख्या चार से जुड़े सभी मोहल्लों की आपूर्ति बाधित हो जाती है। ऐसे में लोग उमस भरी गर्मी में बेहाल रहते हैं। लोगों का कहना है कि बिजली विभाग में कई-कई बार गुहार लगाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। वहीं लोगों को हादसों का डर सताता रहता है।

लोगों की बात

मोहल्ला शिवनगर निवासी शीशपाल सिंह ने बताया कि गलियों में तार जर्जर हालत में हैं। नगर पालिका व बिजली विभाग में प्रार्थना पत्र देकर खंभे लगवाने का आग्रह किया जा चुका है, पर कोई सुनवाई नहीं। हर महीने हजारों रुपये का बिजली बिल देते हैं। इसके बावजूद जर्जर और झूलते तारों में आए दिन फॉल्ट होने से बिजली गायब रहती है। लगता ही नहीं जैसे शहर में रह रहे हों। अशोक कुमार ने बताया कि वार्ड 10 साल पहले शहर आबादी का हिस्सा बन चुका है। इसके बावजूद आज भी हमें ग्रामीणों की तरह बर्ताव किया जाता है। मकान तो अच्छे बने हैं, लेकिन खंभे न लगे होने की वजह से झूलते तार पूरी शोभा बिगाड़ देते हैं। वहीं, हादसों का डर बना रहता है। गर्मियों और बारिश के दिनों में बार-बार फॉल्ट होते हैं। मरम्मत के नाम पर पूरा फीडर बंद होने से परेशानी झेलनी पड़ती है।

वर्जन

यह समस्या शहर की अनाधिकृत कॉलोनियों की है। बिल्डरों ने कॉलोनी काटकर पोल खड़े कर दिए गए। नंबर दो के पोल लगाए गए हैं। इसका स्थाई समाधान जिला प्रशासन से वार्ता के बाद ही हो सकेगा। – श्री प्रकाश, अधिशासी अभियंता शहरी

यदि शहर की कॉलोनियों के यह हाल हैं तो गंभीर विषय है। बिजली विभाग के अधिकारियों से वार्ता कर इसका समाधान कराया जाएगा। किसी भी हाल में लोगों को परेशानी नहीं होने दी जाएगी। – विक्रम राघव, एसडीएम



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *