इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात आलोक कुमार श्रीवास्तव ने एक व्यक्ति को जलाकर मारने के साढ़े तीन साल पुराने मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने तीनों पर 70-70 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें एक साल का अतिरिक्त कारावास काटना होगा। जुर्माने की राशि का 80 प्रतिशत हिस्सा पीड़ित के विधिक उत्तराधिकारियों को दी जाएगी।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह वर्मा ने बताया कि भरथना थाना क्षेत्र के गांव कुंअरा निवासी मुन्नी देवी पत्नी भारत सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि उसके गांव का श्याम किशोर 14 मार्च 2020 को सुबह करीब 11 बजे उसके पति भारत सिंह को घर से बुलाकर ले गया था। शाम तक नहीं लौटने पर परिजन श्याम किशोर के घर पर गए तो भारत वहां झुलसी अवस्था में पड़ा था।

परिजनों को देखकर वहां मौजूद श्याम किशोर, शंकर लाल निवासी जवाहर रोड भरथना व नितिन दीक्षित निवासी बृजराज नगर भागने लगे। जब उसने पकड़ने का प्रयास किया तो मारपीट कर तीनों भाग निकले। वह झुलसी अवस्था में अपने पति को लेकर अस्पताल पहुंची, जहां से उसे सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। यहां उपचार के दौरान भारत की मौत हो गई।

पत्नी मुन्नी देवी की तहरीर पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। छानबीन के बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिए। सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर सात में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने श्याम किशोर, शंकर लाल व नितिन दीक्षित को दोषी पाया।



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